उपसर्ग और प्रत्यय 

दोस्तों, हम आपको इस पोस्ट की सहायता से उपसर्ग और प्रत्यय किसे कहते हैं, इसके बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। इस जानकारी से आप आसानी से इन विषयों के बारे में विस्तार से पता कर सकेंगे।

हिंदी एक ऐसी भाषा है जिसमें शब्दों की रचना कई प्रकार से की जाती हैं।  इन शब्दों को बनाने के लिए हिंदी व्याकरण में बहुत से भेद अथवा विधि बताए गए हैं। जिसकी सहायता से शब्दों को बनाया जाता है। इसी श्रेणी में आते हैं उपसर्ग और प्रत्यय जिसकी सहायता से शब्दों को एक नया प्रारूप दिया जाता है। जिसमें शब्दों के आगे अथवा पीछे अन्य शब्दों को जोड़कर एक नए शब्द की रचना की जाती है। 

अनुक्रम

उपसर्ग किसे कहते हैं | Upsarg kise kehte hain

एक ऐसा शब्द जो किसी दूसरे शब्दों से मिलकर एक नए अर्थ वाला शब्द बनाता है, उसे हम उपसर्ग कहते हैं। यह शब्द अपने मूल शब्द के अर्थ से बिल्कुल अलग होता है। 

जैसे,

  • हार – आ + हार – आहार। 
  • हार – प्र + हार – प्रहार। 
  • हार – वि + हार – विहार।

उपसर्ग में हमेशा उपसर्ग वाला शब्द मुख्य शब्द के पहले लगता है। 

जैसे, 

  • आ + हार 
  • वि + चार 
  • सु + विचार 
  • प्र + बंध 
  • प्र + बल 

उपसर्ग शब्द के प्रकार एवं उनके उदारहण 

उपसर्ग के तीन प्रकार होते हैं,

  1. संस्कृत के उपसर्ग
  2. हिंदी के उपसर्ग
  3. आगत उपसर्ग
१. संस्कृत के उपसर्ग – 

संस्कृत के उपसर्ग को हम तत्सम शब्दों के साथ प्रयोग करते हैं। नीचे दिए गए उपसर्ग तथा उन से बने शब्द संस्कृत के उपसर्ग हैं। 

उदाहरण,

  • अति – अतीन्द्रिय, अत्युक्ति, अत्युत्तम, अत्यावश्यक, अतीव, अतिकाल, अतिरेक, अत्यधिक, अत्यल्प, अतिक्रमण, अतिवृष्टि, अतिशीघ्र, अत्याचार आदि।
  • अ – अथाह, अनाचार, अलौकिक, अस्वीकार, अन्याय, अशोक, अहिंसा, अवगुण, अर्जित, अपलक, अटल, अमर, अचल, अनाथ, अविश्वास, अधर्म, अचेतन, अज्ञान, अलग, अनजान, अनमोल, अनेक, अनिष्ट, आदि।
  • आ – आकाश, आरम्भ, आमुख, आरोहण, आजन्म, आयात, आगमन, आजीवन, आमरण, आचरण ,आलेख, आहार, आकर्षण, आकर, आकार, आभार, आशंका, आवेश, आरक्त, आदान, आक्रमण, आकलन आदि।
  • अनु – अनुरूप, अनुपात, अनुचर, अनुकरण, अनुसार, अनुशासन, अनुक्रमांक, अनुकंपा, अनुज, अनुशंसा, अन्वय, अन्वीक्षण, अन्वेषण, अनुच्छेद, अनूदित, अनुवाद, अनुस्वार, अनुशीलन, अनुकूल, अनुक्रम, अनुभव आदि।
  • अप – अपव्यय, अपवाद, अपकर्ष, अपहरण, अपप्रयोग, अपशकुन, अपेक्षा, अपयश, अपमान, अपशब्द, अपराध, अपकार, अपकीर्ति, अपभ्रश आदि।
  • अभि – अभिनन्दन, अभिलाप, अभीमुख, ,अभियान, अभिसार, अभ्यागत, अभ्यास, अभिशाप ,अभिज्ञान, अभ्यास, अभ्युदय, अभिमान, अभिषेक ,अभिनय, अभिनव, अभिवादन, अभिभाषण, अभियोग, अभिभूत, अभिभावक, अभ्यर्थी, अभीष्ट, अभ्यंतर आदि।
  • उप – उपाध्यक्ष ,उपकूल, उपनिवेश, उपस्थिति, उपासना, उपदिशा, उपवेद, उपनेत्र, उपरांत, उपसंहार, उपकरण, उपकार, उपकार, उपग्रह, उपमंत्री, उपहार, उपदेश, उपवन, उपनाम, उपचार, उपसर्ग, उपयोग, उपभोग, उपभेद, उपयुक्त, उपेक्षा, उपाधि आदि।
  • अधि – अधिराज, अध्यात्म, अध्यक्ष, अधिनियम, अधिमास, अधिकृत, अधिक्षण, अध्यादेश, अधीन, अधीक्षक, अधिकार, अधिसूचना, अधिपति, अधिकरण, अधिनायक, अधिमान, अधिपाठक, अधिग्रहण, अधिवक्ता, आधिक्य, अध्धयन, अध्यापन आदि।
  • प्रति – प्रतिवर्ष, प्रत्यपर्ण, प्रतिद्वंदी, प्रतिशोध, प्रतिरोधक, प्रतिघात, प्रतिध्वनी, प्रत्याशा, प्रतिकूल, प्रतिकार, प्रतिष्ठा, प्रत्येक, प्रतिहिंसा, प्रतिरूप, प्रतिध्वनी, प्रतिनिधि, प्रतीक्षा, प्रत्युत्तर, प्रतीत, प्रतिक्षण, प्रतिदान, प्रत्यक्ष आदि।
  • उत – उन्नति, उदघाटन, उत्तम, उत्पन्न, उत्पत्ति, उत्पीडन, उत्कंडा, उत्तम, उत्कृष्ट, उदय, उद्गम, उत्कर्ष, उत्पल, उल्लेख, उत्साह, उत्पात, उतीर्ण, उभ्दिज्ज, उल्लास, उज्ज्वल, उत्थान आदि।
  • सह – सहोदर, सहपाठी, सहगान, सहचर, सहमती, सहयोग, सहमत आदि।
  • पर – परदेश, परलोक, पराधीन आदि।
  • वि – विकास, विधवा, विवाद, विशेष, विस्मरण, विभाग, विकार, विमुख, विनय, विनंती, विफल, विसंगति, विवाह, विभिन्न ,विश्राम, विरोध, विपक्ष, विदेश, विकल, वियोग, विनाश, विराम ,विजय, विज्ञान, विलय, विहार, विख्यात, विधान, व्यवहार, व्यर्थ, व्यायाम, व्यंजन, व्याधि, व्यसन, व्यूह अदि।
  • प्र – प्रक्रिया, प्रवाह, प्रख्यात, प्रकाश, प्रकट, प्रगति, प्रपंच, प्रलाप, प्रभुता, प्रपिता, प्रकोप, प्रभु, प्रयास, प्रकृति, प्रमुख ,प्रदान, प्रचार, प्रसार, प्रहार, प्रयत्न, प्रभंजन, प्रपौत्र, प्रारम्भ, प्रोज्जवल, प्रेत, प्राचार्य, प्रयोजक, प्रमाण, प्रयोग, प्रताप, प्रबल आदि।
  • सु – सुबोध, सुपुत्र ,सुधार, सुगंध, सुगति, सुगन्ध, सुगति, सुबोध, सुयश, सुमन, सुलभ, सुअवसर, सूक्ति ,सुदूर, सुजन, सुशिक्षित, सुपात्र, सुगठित, सुहाग, सुकर्म, सुकृत, सुभाषित, सुकवि, सुरभि आदि।
  • सम – सम्मान, सम्मेलन ,संकल्प, संचय, सन्तोष, संगठन, संचार, संलग्न, संहार, संशय, संरक्षा ,संकल्प, संग्रह, संन्यास, संस्कार, संरक्षण, संहार, सम्मुख, संग्राम, संभव, संतुष्ट, संचालन, संजय, संताप, संभावना, संयोग, संशोधन आदि।
  • अव – अवनति, अवज्ञा, अवधारण, अवगति, अवतार, अवलोकन, अवतरण, अवगत, अवस्था, अवनत, अवसान, अवरोहन, अवगणना, अवकृपा, अवशेष, अवगुण, अवकाश, अवसर आदि।
  • परि – परिमार्जन,परिहार, परिक्रमण, परिभ्रमण, परिधान,परिहास, परिश्रम, परिवर्तन, परीक्षा,पर्याप्त, पर्यटन, पर्यन्त ,परिमित, परिपूर्ण, परिपाक, परिधि, परिवार, परिणाम, पर्यावरण, परिजन, परिक्रम, परिक्रमा, परिपूर्ण आदि।
  • निर – निराहार, निरक्षर, निरादर, निरहंकार, निरामिष, निर्जर, निर्धन, निर्यात, निर्दोष, निरवलम्ब, नीरोग, नीरस, निरीह, निरीक्षण, निरंजन, निराषा, निर्गुण, निर्भय, निर्वास, निराकरण, निर्वाह, निदोष, निर्जीव, निर्मूल, निर्बल, निर्मल, निर्माण, निर्जन, निरकार, निरपराध आदि।
  • कु – कुपुत्र, कुरूम, कुकर्म, कुमति ,कुयोग, कुकृत्य ,कुख्यात, कुखेत, कुपात्र, कुकाठ, कपूत, कुढंग आदि।
  • दुर – दुरभिसंधि, दुर्गुण, दुर्दशा, दुर्घटना, दुर्भावना, दुरुह ,दुरुक्ति, दुर्जन, दुर्गम, दुर्बल, दुर्लभ, दुखद, दुरावस्था, दुर्दमनीय, दुर्भाग्य, दुराशा, दुराग्रह, दुराचार, दुरवस्था, दुरुपयोग आदि।
२. हिंदी के उपसर्ग – 

हिंदी के उपसर्ग को हम तद्भव शब्दों के साथ प्रयोग करते हैं। नीचे दिए गए उपसर्ग तथा उन से बने शब्द हिंदी के उपसर्ग हैं। 

उदाहरण,

  • दु – दुबला, दुर्जन, दुर्बल, दुलारा, दुधारू, दुसाध्य, दुरंगा, दुलत्ती, दुनाली, दुराहा, दुपहरी, दुगुना, दुकाल आदि।
  • अध् – अधपका, अधमरा, अधक्च्चा, अधकचरा, अधजला, अधखिला, अधगला, अधनंगा आदि।
  • अन – अनजान, अनकहा, अनदेखा, अनमोल, अनबन, अनपढ़, अनहोनी, अछूत, अचेत, अनचाहा, अनसुना, अनदेखी आदि।
  • उन – उनतीस, उनचास, उनसठ, उनहत्तर, उनतालीस, उन्नीस, उन्नासी आदि।
  • कु – कुचाल, कुचैला, कुचक्र, कपूत, कुढंग, कुसंगति, कुकर्म, कुरूप, कुपुत्र, कुमार्ग, कुरीति, कुख्यात, कुमति आदि।
  • औ – औगुन, औघर, औसर ,औसान, औघट, औतार, औगढ़, औढर आदि।
  • अ – अछुता, अथाह, अटल, अचेत आदि।
  • नि – निडर, निक्कमा, निगोड़ा, निहत्था, निहाल आदि।
  • चौ – चौपाई, चौपाया, चौराहा, चौकन्ना, चौमासा, चौरंगा, चौमुखा, चौपाल आदि।
  • उ – उचक्का, उजड़ना, उछलना, उखाड़ना, उतावला, उदर, उजड़ा, उधर आदि।
  • पच – पचरंगा, पचमेल, पचकूटा, पचमढ़ी आदि।
  • ति – तिरंगा, तिराहा, तिपाई, तिकोन, तिमाही आदि।
३. आगत उपसर्ग –

आगत उपसर्ग ऐसे उपसर्ग शब्दों को कहा जाता हैं जो विदेशी भाषाओँ वाले उपसर्गों को हिंदी भाषा में प्रयोग करते हैं। विदेशी भाषा जैसे अंग्रेजी, अरबी, फ़ारसी, उर्दू, आदि। 

उदाहरण,

  • दर – दरकिनार, दरमियान, दरअसल, दरकार, दरगुजर, दरहकीकत आदि।
  • कम – कमजोर, कमबख्त, कमउम्र, कमअक्ल, कमसमझ, कमसिन आदि।
  • ला – लाइलाज, लाजवाब, लापरवाह, लापता ,लावारिस, लाचार, लामानी, लाजवाल आदि।
  • ब – बखूबी, बदौलत, बदस्तूर, बगैर, बनाम, बमुश्किल आदि।
  • बे – बेनाम, बेपरवाह, बेईमान, बेरहम, बेहोश, बैचैन, बेइज्जत, बेचारा, बेवकूफ, बेबुनियाद ,बेवक्त, बेतरह, बेअक्ल, बेकसूर, बेनामी, बेशक आदि।
  • बा – बाकायदा, बादत, बावजूद, बाहरो, बाइज्जत, बाअदब, बामौका, बाकलम, बाइंसाफ, बामुलाहिजा आदि।
  • बद – बदनाम, बदमाश, बदतमीज, बदबू, बदसूरत, बदकिस्मत, बदहजमी, बददिमाग, बदमजा, बदहवास, बददुआ, बदनीयत, बदकार आदि।
  • ना – नालायक, नाकारा, नाराज, नासमझ, नाबालिक, नाचीज, नापसंद, नामुमकिन, नामुराद, नाकामयाब, नाकाम, नापाक आदि।
  • गैर – गैरहाजिर, गैरकानूनी, गैरसरकारी, गैरजिम्मेदार, गैरमुल्क, गैरवाजिब, गैरमुमकिन, गैरमुनासिब आदि।
  • अल – अलबत्ता, अलबेला, अलविदा आदि।
  • सर – सरताज, सरदार, सरपंच, सरकार, सरहद, सरगना आदि।
  • खुश – खुसबू, खुशनसीब, खुशमिजाज, खुशदिल, खुशहाल, खुशखबरी, खुशकिस्मत आदि।
  • हर – हरलाल, हरसाल, हरवक्त ,हररोज, हरघडी, हरएक, हरदिन, हरबार आदि।
  • हम – हमराज, हमदर्द, हमजोली, हमनाम, हमउम्र, हमदम, हमदर्दी, हमराह, हमसफर आदि।
  • हाफ – हाफ पेंट, हाफ बाड़ी, हाफटिकट, हाफरेट, हाफकमीज आदि।
  • सब – सब पोस्टर, सब इंस्पेक्टर, सबजज, सबकमेटी, सबरजिस्टर आदि।
  • चीफ – चीफ मिनिस्टर, चीफ इंजीनियर, चीफ सेक्रेटरी आदि।
  • जनरल – जनरल मैनेजर, जनरल सेक्रेटरी, जनरल इंश्योरेंस आदि।
  • हैड – हैड मुंशी, हैड पंडित, हेडमास्टर, हेड क्लर्क, हेड ऑफिस, हेड कांस्टेबल आदि।
  • डिप्टी – डिप्टी कलेक्टर, डिप्टी रजिस्टर, डिप्टी मिनिस्टर आदि।
  • वाइस – उप वाइसराय, वाइस चांसलर, वाइस प्रेजिडेंट, वाइस प्रिंसिपल आदि।
  • एक्स – एक्सप्रेस, एक्स कमिश्नर, एक्स स्टूडेंट, एक्स प्रिंसिपल आदि।
  • चिर – चिरकाल, चिरायु, चिरंतन, चिरंजीवी, चिरकुमार आदि।
  • अ – अधर्म, अनीति, अनन्त, अज्ञान, अभाव, अचेत, अशोक, अकाल आदि।
  • अन – अनीति, अनन्त, अनागत, अनर्थ, अनादि आदि।
  • अंतर – अन्तर्नाद, अन्तर्ध्यान, अंतरात्मा, अंतर्राष्ट्रीय, अंतर्जातीय आदि।
  • स – सजल, सकल, सहर्ष आदि।
  • अध् – अध्:पतन, अधोगति, अधोमुख, अधोलिखित आदि।
  • पुरस – पुरस्कार, पुरस्कृत आदि।
  • पुनः – पुनर्गमन, पुनर्जन्म, पुनर्मिलन, पुनर्लेखन, पुनर्जीवन आदि।
  • पुरा – पुरातत्व, पुरातन, पुरावृत आदि।
  • तिरस – तिरस्कार, तिरोभाव आदि।
  • सत – सत्कार, सज्जन, सत्कार्य, सदाचार, सत्कर्म आदि।
  • अंत: – अंत:करण, अंत:पुर, अंतर्मन, अंतर्देशीय आदि।
  • सम – समकालीन, समदर्शी, समकोण ,समकालिक आदि।
  • सह – सहकार, सहपाठी, सहयोग, सहचर आदि।

प्रत्यय किसे कहते हैं | Pratyay kise kehte hain

प्रत्यय उस शब्द को कहते हैं जो शब्द किसी अन्य शब्द के अंत में जुड़ कर उस शब्द के अर्थ को ही बदल देता है।

जैसे,

  • मिठास – मीठा + आस। 
  • कलाकार – कला + कार। 

प्रत्यय में हमेशा प्रत्यय शब्द को मुख्य शब्द के बाद में (अंत में) लगाते है। 

जैसे, 

  • अक – लेखक, नायक, गायक, पाठक 
  • अक्कड – भुलक्कड, घुमक्कड़, पियक्कड़ 
  • आक – तैराक, लडाक 
  • आलू – झगड़ालू आकू – लड़ाकू, कृपालु, दयालु 
  • आड़ी – खिलाडी, अगाड़ी, अनाड़ी 
  • इअल – अयडियल, मरियल, सडियल 
  • एरा – लुटेरा, बसेरा 
  • ऐया – गवैया, आदि। 

प्रत्यय शब्द के भेद एवं उनके उदारहण 

प्रत्यय शब्द के दो भेद होते हैं जिनका वर्णन नीचे किया गया है और  उन्हें उदाहरण के  माध्यम से समझाया गया है। 

  1. कृत प्रत्यय
  2. तद्धित प्रत्यय
१. कृत प्रत्यय :

कृत प्रत्यय ऐसे शब्द हैं जो  क्रिया के रूप में शब्द के बाद लगते हैं और वे  एक नए शब्द का निर्माण करते हैं। इनमें कृदंत प्रत्यय भी कह सकते हैं। 

उदाहरण,

  • तैर + आक – तैराक। 
  • कब्र + स्तान – कब्रस्तान। 

कृत प्रत्यय के पांच भेद हैं,

  1. कर्तृवाचक कृदंत प्रत्यय 
  2. कर्मवाचक कृदंत प्रत्यय
  3. करणवाचक कृदंत प्रत्यय
  4. भाववाचक कृदंत प्रत्यय
  5. क्रियावाचक कृदंत प्रत्यय
1. कर्तृवाचक कृदंत प्रत्यय –

कर्तृवाचक कृदंत प्रत्यय ऐसे शब्द होते हैं जो प्रत्यय से बने होते हैं जिनके कर्ता का आसानी से पता चल सकता हैं। 

जैसे,

  • आड़ी – खिलाडी, अगाड़ी, अनाड़ी। 
  • इअल – अडियल, मरियल, सडियल। 
  • एरा – लुटेरा, बसेरा। 
  • ऐया – गवैया, नचैया। 
  • ओडा – भगोड़ा। 
  • अक – लेखक, नायक, गायक, पाठक। 
  • अक्कड – भुलक्कड, घुमक्कड़, पियक्कड़। 
  • हार – होनहार, राखनहार, पालनहार। 
  • ता – दाता, गाता, कर्ता, नेता, भ्राता, पिता, ज्ञाता। 
  • आक – तैराक, लडाक। 
  • आलू – झगड़ालू। 
  • वाला – पढनेवाला, लिखनेवाला, रखवाला। 
  • आकू – लड़ाकू, कृपालु, दयालु। 
2. कर्मवाचक कृदंत प्रत्यय –

कर्मवाचक कृदंत प्रत्यय ऐसे शब्द हैं जो किसी शब्द के साथ लगने पर वह कर्म का बोध कराते हो। 

उदाहरण,

  • औना – बिछौना, खिलौना। 
  • ना – सूँघना, पढना, खाना। 
  • नी – सुँघनी, छलनी। 
  • गा – गाना।
3. करणवाचक कृदंत प्रत्यय –

करण वाचक कृदंत प्रत्यय ऐसे शब्दों को कहा जाता है जो किसी शब्द के साथ लगने पर किसी क्रिया के साधन एवं करण का बोध कराते हैं। 

उदाहरण,

  • आ – भटका, भूला, झूला। 
  • ऊ – झाड़ू। 
  • ई – रेती, फांसी, भारी, धुलाई। 
  • न – बेलन, झाडन, बंधन। 
  • नी – धौंकनी, करतनी, सुमिरनी, छलनी, फूंकनी, चलनी। 
4. भाववाचक कृदंत प्रत्यय –

भाववाचक सुगंध प्रत्यय ऐसे शब्दों को कहा जाता है जो प्रत्यय किसी शब्द के साथ जोड़ने पर उन शब्दों को भाववाचक संज्ञा में बदल देते हैं। 

उदाहरण,

  • अन – लेखन, पठन, गमन, मनन, मिलन। 
  • आवा – भुलावा, छलावा, दिखावा, बुलावा, चढावा। 
  • आई – कमाई, चढाई, लड़ाई, सिलाई, कटाई, लिखाई। 
  • अंत – भिडंत, गढंत। 
  • आवट – सजावट, बनावट, रुकावट, मिलावट। 
  • ना – लिखना, पढना। 
  • ति – गति, रति, मति। 
  • अ – जय, लेख, विचार, मार, लूट, तोल। 
  • आन – उड़ान, मिलान, उठान, चढ़ान। 
  • आव – चढ़ाव, घुमाव, कटाव। 
  • आहट – घबराहट, चिल्लाहट। 
  • औती – मनौती, फिरौती, चुनौती, कटौती।
  • आवट – सजावट, लिखावट, मिलावट। 
5. क्रियावाचक कृदंत प्रत्यय :

क्रिया वाचक कृदंत प्रत्यय ऐसे शब्दों को कहते हैं जो प्रत्यय किसी शब्द से जुड़ने पर उन शब्दों से क्रिया के होने का पता चलता है। 

उदाहरण,

  • ता – डूबता, बहता, चलता
  • या – खोया, बोया
  • आ – सुखा, भूला, बैठा
  • ना – दौड़ना, सोना
  • कर – जाकर, देखकर
२. तद्धित प्रत्यय

तद्धित प्रत्यय ऐसे प्रत्यय को कहते हैं जो किसी संज्ञा सर्वनाम अथवा विशेषण के अंत में लगते हैं।  इन शब्दों को हम तद्धितांत प्रत्यय शब्द भी कहते हैं। 

उदाहरण,

  • आइ – पछताई ,जगाई ,पण्डिताई ,चतुराई, ठकुराई, लड़ाई, चौड़ाई, अच्छाई, आदि। 
  • औती – बपौती, ठकरौती, मनौती आदि।
  • औटा – बिलौटा, कजरौटा आदि। 
  • आइन – पण्डिताइन, ठकुराइन आदि।
  • आयत – बहुतायत, पंचायत, अपनायत आदि।
  • आर – लोहार, सुनार, दूधार, गँवार आदि।
  • एरा – अँधेरा, सँपेरा, बहुतेरा, ममेरा, कसेरा, लुटेरा, सवेरा आदि।
  • क – धमक, चमक, बैठक, बालक, दर्शक, ढोलक, ललक आदि।

तद्धित प्रत्यय के आठ भेद हैं, 

  1. कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय
  2. भाववाचक तद्धित प्रत्यय
  3. संबंध वाचक तद्धित प्रत्यय
  4. गणनावाचक तद्धित प्रत्यय
  5. गुणवाचक तद्धित प्रत्यय
  6. स्थानवाचक तद्धित प्रत्यय
  7. सादृश्यवाचक तद्धित प्रत्यय
  8. ऊनवाचक तद्धति प्रत्यय
1. कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय

कृतवाचक तद्धित प्रत्यय ऐसे शब्द हैं जो किसी शब्द के साथ जुड़ने पर उस शब्द से कार्य करने का बोध दिखाते हैं। 

जैसे,

  • आर – सुनार, लुहार, कहार, चमार आदि।
  • दार – समझदार, ईमानदार, दुकानदार, कर्जदार आदि।
  • ची – मशालची, खजानची, मोची आदि।
  • इया – मजाकिया, रसिया, दुखिया, आढतिया, मुखिया, रसोईया आदि। 
2. भाववाचक तद्धित प्रत्यय

भाववाचक शब्द प्रत्यय ऐसे शब्द है जो किसी शब्द में लगने पर उनके अर्थ को भाववाचक अर्थ में बदल देते हैं। 

जैसे, 

  • आई – भलाई, बुराई, कठिनाई, चतुराई, ऊँचाई आदि।
  • पन – बचपन, लडकपन, छुटपन, कालापन आदि।
  • त्व – देवत्व, मनुष्यत्व, पशुत्व, महत्व, गुरुत्व, लघुत्व आदि।
  • ता – सुन्दरता, मूर्खता, मनुष्यता, लघुता, गुरुता, समता, कविता, एकता, बन्धुता आदि।
3. संबंधवाचक तद्धित प्रत्यय

संबंधवाचक तद्धित प्रत्यय ऐसे पत्ते हैं जो किसी शब्द के साथ लगकर उनके बीच के संबंध को दर्शाते हो। 

जैसे,

  • ई – लखनवी, पंजाबी, गुजराती, बंगाली, सिंधी आदि।
  • इक – शारीरिक, नैतिक, धार्मिक, आर्थिक, लौकिक, वार्षिक, ऐतिहासिक आदि।\
4. गणनावाचक तद्धित प्रत्यय :

गणनावाचक तद्धित प्रत्यय ऐसे शब्द हैं जो किसी शब्द में लगने पर गणना का बोध करते हो अथवा अपने अर्थ से संख्या को दर्शाते हैं। 

जैसे,

  • हरा – इकहरा, दुहरा, तिहरा आदि।
  • इस – इक्कीस , बाईस, तइस, आदि। 
5. गुणवाचक तद्धित प्रत्यय:

गुणवाचक तद्धित प्रत्यय ऐसे प्रत्यय हैं जो किसी शब्द  के साथ लगने पर किसी गुणों को दर्शाते हैं अर्थात उन शब्दों को गुणवाचक बना देते हैं। 

जैसे,

  • आ – भूखा, प्यासा, ठंडा, मीठा आदि।
  • ईय – वांछनीय, अनुकरणीय, भारतीय, रमणीय आदि।
  • मान – बुद्धिमान, शक्तिमान, गतिमान, आयुष्मान आदि।
  • इक – शारीरिक, नागरिक, ऐतिहासिक आदि।
  • ई – पक्षी, धनी, लोभी, क्रोधी, गुणी, विद्यार्थी, सुखी, ज्ञानी, जंगली आदि।
  • ईला – चमकीला, भडकीला, रंगीला, सजीला आदि।
  • इत – शापित, पुष्पित, आनन्दित, क्रोधित आदि।
6. स्थानवाचक तद्धित प्रत्यय:

स्थान वाचक प तद्धित प्रत्यय ऐसे प्रत्यय हैं जो किसी शब्द में लगने पर उनके अर्थ द्वारा किसी स्थान का बोध करते हैं। 

जैसे,

  • वाला – डेरेवाला, दिल्लीवाला, बनारसवाला, सुरतवाला, चायवाला आदि।
  • ई – गुजरती, पंजाबी, बंगाली, जर्मनी आदि।
  • त्र – सर्वत्र, यत्र, तत्र आदि।
  • इया – पटनिया, मुम्बईया, नागपुरिया, जयपुरिया आदि।
  • तिया – कलकतिया, तिरहुतिया आदि।
7. सादृश्यवाचक तद्धित प्रत्यय

सदृश्य वाचक तद्धित प्रत्यय ऐसे प्रत्यय हैं जिन्हें किसी शब्द के साथ जोड़ने पर इसी समानता का पता चलता है। 

जैसे,

  • सा – पीला सा, नीला सा, काला सा आदि।
  • हरा – सुनहरा, रूपहरा आदि।
8. ऊनवाचक तद्धित प्रत्यय

ऊनवाचक तद्धित प्रत्यय  ऐसे प्रत्यय हैं जो किसी शब्द के साथ मिलकर किसी व्यक्ति के वास्तु द्वारा लघुता, प्रियता, हीनता, आदि के बोध करते हो। 

जैसे,

  • ई – टोपी, कोठरी, टोकनी, ढोलकी, मण्डली, टोकरी, पहाड़ी, घण्टी आदि।
  • ओला – खटोला, संपोला आदि।
  • डी – पगड़ी, टुकड़ी, टंगड़ी आदि।

इया – बुढिया, लुटिया, डिबिया, खटिया आदि।