समय का महत्व पर निबंध | Essay on Value of Time in Hindi

मित्रो आज के इस लेख में हम सीखेंगे समय का महत्व पर निबंध कैसे लिखते हैं। यहाँ पर हमने Essay on Value of Time in Hindi के ऊपर निबंध आपके लिए बनाई है। जिसकी सहायता से आप समय का महत्व पर निबंध आसानी से सिख सकते है।

समय का महत्व पर निबंध

समय बड़ा बलवान है। कहते हैं की समय की मार से आज तक कोई भी नहीं बच पाया है। समय का सही महत्व और किसी की अहमियत उसके जाने के बाद ही पता चलती हैं और अंत में केवल निराशा ही हाथ आती है। पहले के ज़माने के लोग कहते थे की समय बड़ा मूल्यवान है इसे खर्च मत करो। किन्तु आज के इस तकनीकी और तेज़ युग में समय अमूल्य हो चूका है जिसकी तुलना पैसों से भी नहीं की जा सकती और इसे व्यर्थ गंवाना तो मानो इस संसार की सबसे बड़ी बेवकूफी समान हैं क्योंकि गुज़रा हुआ समय पुनः कभी किसी भी कीमत पे नहीं आता। इसका दुरुपयोग करने वाले का जीवन निराशा और कठिनाई से भर जाता हैं और इसका सदुपयोग करने वाले का जीवन आनंद, खुशियाँ और सुख-समृद्धि से भर जाता हैं। समय का सदुपयोग करना या दुरुपयोग करना, दोनों ही मनुष्य के हाथों में निर्भर होता हैं। 

हम सभी को बचपन से समय के महत्व के बारे में हमारे शिक्षक, हमारे माता-पिता बताते रहते है की समय को बर्बाद नहीं करना। अगर समय निराश हो गया तो वो सब कुछ बर्बाद कर देगा। किसी काम को करने के लिए जो समय निर्धारित किया गया हो तो उसे उसी समय पर पूरा करना चाहिए। अगर हम उस कार्य को अगले समय के लिए टाल देते हैं, तो हम स्वयं के कामों को बढ़ा देते हैं जिससे हम पर ही काम का भार बढ़ जायगा और कुछ काम अधूरे छूट जाएंगे। कहते हैं नं, “यह दुनिया उसी शक़्स की कदर करती है जो समय की कदर करता हैं, क्योंकि समय से ज्यादा महत्वपूर्ण इस संसार में दूसरा कुछ भी नहीं हैं।” लेकिन फिर भी है कई सारी चीज़ो पर अपना समय बर्बाद करते हैं जो हमारे किसी काम की नहीं होती। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हम सही तरीके से अपने जीवन के लक्ष्य को और इसके अहमियत को नहीं समझ पाते। अगर हम इस फ़िज़ूल के समय में से कुछ पल अपने जीवन के बारे में सोचने में लगा देते हैं की किस प्रकार हमें कुछ ऐसा करना होगा जिसे हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकेंगे और स्वयं को प्रार्थमिकता देने लगेंगे। तब हम सही मायने में अपने समय को सही तरीके से उपयोग कर सकेंगे और अपने जीवन को कामियाब बना सकेंगे। 

समय एक बार निकल जाय तो केवल पश्च्याताप के आलावा और कुछ भी हाथ नहीं आता। अगर हमें समय की अहमियत का पता लगाना हो तो उस व्यक्ति से पूछो जो कुछ पलों से अपनी रेस हार गया हो, उससे पूछो जिसकी ट्रैन या फ्लाइट कुछ पल से छूट गए हों। समय की महत्वता उससे पूछो जो कुछ लम्हों से एक्सीडेंट की चपेट में आते आते बच गया हो। हम खुद नहीं जानते की कौन सा पल हमारे ज़िन्दगी का आखरी पल हो। इसलिए हमें हर लम्हे को ख़ुशी से जीना सीखना होगा और दूसरों को भी ख़ुशी देना होगा। जिससे की लोग आपको आपके जाने के बाद भी याद रखे। जिसके लिए हमें ऐसा कुछ कर के दिखाना पड़ेगा, इस दुनिया में अपना नाम छोड़ के जाना पड़ेगा, परन्तु ये सब यूँ बैठे बैठे नहीं होगा। 

मुझे वह लाइन आज भी बहुत पसंद है, की समय बीतने में समय नहीं लगता, देखते देखते छोटे-छोटे व्यवहार आदतों में बदल जाते हैं और कब ये आदतें हमारे संस्कार बन जाते हैं। उसी प्रकार गुज़रता लम्हा दिनों में, गुज़रते दिन हफ़्तों में, गुज़रते हफ्ते महीनों में और गुज़रता महीना सालों में बदल जाते है और वक़्त की डोर यूँही हाथों से छूटती चली जाती हैं। कबीर जी ने अपने दोहे में भी कहा था, “कल करै सो आज कर, आज करै सो अब! पल में परलय होयगी, बहुरी करेगा कब!!” हमेंसमय के महत्वता को जानने के लिए उन महान लोगों के जीवन के बारे में पढ़ना, जानना होगा की वे इतने कम समय में महान कैसे बनें, उनके पास कोई शक्ति नहीं थी बल्कि एक जूनून था की जीवन एक बार मिली हैं तो इसका फायदा लिया जाए और सबके लिए कुछ किया जाए। हमें आने वाली पीढ़ी को पढाई-लिखाई और संस्कार के साथ समय के महत्व को भी समझाना होगा। तब ही सब समय की कदर करेंगे और अपने जीवन को सही तरीके से जियेंगे। 

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