नमस्कार दोस्तों, आज इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको धरती पर बदलने वाले ऋतुओं की जानकारी देंगे जो कभी भी एक समान नहीं रहते और निर्धारित समय पर वह बदलते रहते हैं और एक वर्ष बाद पुनः आते हैं।
ऋतु के नाम
अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार ऋतुओं के बारे में आपको इतना तो पता ही होगा कि तीन मुख्य ऋतुएँ हैं जिनका नाम वर्षा ऋतु, शीत ऋतु और ग्रीष्म ऋतु जिसे हम मॉनसून, सर्दी और गर्मी के नाम से जानते है। किंतु हिन्दू कैलेंडर और भारतीय जलवायु के अनुसार पर कुल छह ऋतु होते हैं जो अपने निर्धारित समय पर धरती के वातावरण को बदलते हैं और कुछ समय बाद चले जाते हैं। इनका कार्यकाल लगभग दो माह का होता हैं।
ऋतुओं के बदलने का कारण हमारे पृथ्वी की सूर्य के प्रति अपने अक्ष में की गयी परिक्रमा हैं जो एक सामान नहीं है अर्थात पूर्णतः गोल नहीं हैं। वह दो जगहों से चपटी हैं जिसके कारण पृथ्वी से सूर्य की दुरी परिक्रमा के दौरान बदलती हैं और यही दुरी ऋतुओं के बदलने का कारण बनती हैं। भारत में मनाये जाने वाले बहुत से त्योहार भी इन ऋतुओं के अनुसार ही होते हैं। इन त्योहारों की सूचि भी इस पोस्ट में हम देंगे जिससे आपको ऋतुओं और त्योहारों के सम्बन्ध का भी पता चलेगा।
इस पोस्ट में हम आपको छह ऋतुओं के बारे में पूरी जानकारी देने का प्रयास करेंगे और कोशिश करेंगे कि आपको इस पोस्ट के माध्यम से इन ऋतुओं के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त हो।

Seasons Name in English and Hindi
अनु क्र. | ऋतुओं के नाम (हिंदी में) | ऋतुओं के नाम (अंग्रेजी में) | ऋतुओं के हिंदी महीने | ऋतुओं के अंग्रेजी महीने |
१. | वसंत ऋतु | Spring Season | चैत्र से वैशाख | मार्च से अप्रैल |
२. | ग्रीष्म ऋतु | Summer Season | ज्येष्ठ से आषाढ़ | मई से जून |
३. | वर्षा ऋतु | Rainy Season | श्रवण से भद्रापद | जुलाई से अगस्त |
४. | शरद ऋतु | Autumn Season | अश्विन से कार्तिक | सितम्बर से अक्टूबर |
५. | हेमंत ऋतु | Pre Winter Season | मार्गशीष से पौष | नवंबर से दिसम्बर |
६. | शीत (शिशिर) ऋतु | Winter Season | माघ से फाल्गुन | जनवरी से फरवरी |
ऋतुओं की जानकारी
1. वसंत ऋतु
वसंत ऋतु एक ऐसी ऋतु है जिसमें ना तो ज्यादा गर्मी होती है और ना ही ज्यादा सर्दी। इसी कारण वसंत ऋतु को ऋतुओं का राजा भी कहा जाता है। इस मौसम को अंग्रेजी में Spring season भी कहते हैं। इस मौसम में चलने वाली हवा बहुत ही सुहानी और खुशनुमा होती है। इस ऋतु में पेड़ों की पत्तियाँ सुख के निचे गियर जाती हैं और नए पत्ते आते हैं। यह ऋतु सभी के लिए प्रिय होता है। इस मौसम में सब खुद को ताजा महसूस करने लगते हैं। इस मौसम की खासियत है कि इसमें दिन लंबे और रातें छोटी होती जाती है। इस मौसम की शुरुआत अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार मार्च महीने से शुरू होती है और अप्रैल महीने पर खत्म होती है। जब की हिंदी कैलेंडर के अनुसार यह ऋतु फाल्गुन के अंत से चैत्र होते हुए वैशाख तक होती है।
इस ऋतु में आने वाली मुख्य त्योहारों के नाम नीचे दिए गए हैं।
- होली
- गुड़ी पड़वा
- श्री रामनवमी
- हनुमान जयंती
- बैसाखी
- भगवान् परशुराम जयंती
- अक्षय तृतीया
2. ग्रीष्म ऋतु
ग्रीष्म ऋतु को हिंदी में गर्मी का मौसम भी कहते हैं और अंग्रेजी में Summer season कहते हैं। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस मौसम की शुरुआत मई महीने से शुरू होती है और जून महीने तक रहती है। जब की हिंदी कैलेंडर के अनुसार यह ऋतु वैशाख के अंत से ज्येष्ठ होते हुए असाढ़ तक रहती है। इस ऋतु के दौरान रातें छोटी और दिन लंबे हो जाते हैं। इस मौसम में वातावरण का तापमान बहुत गर्म होता है। नदियाँ, तालाब और कई जल स्त्रोत गर्मी के कारण सूख जाते हैं। जिसके कारण कई जगह अकाल भी पड़ता है।
इस मौसम के दौरान पृथ्वी की सूर्य से दुरी बहुत कम होती है। जिस वजह से हम लोगों को इतनी तेज गर्मी का सामना भी करना पड़ता है। इस मौसम में बहुत से फल बाजार में बिकते हैं, जैसे आम तरबूज लीची अंगूर ककड़ी बेल इत्यादि जो शरीर को ताज़ा महसूस कराते हैं। शरीर के तापमान को ठंडा करने के लिए बाजारों में बहुत से शरबत भी बेचे जाते हैं, जैसे नींबू का शरबत, फलों के शरबत, सत्तू का शरबत, बेल का शरबत आदि।
गर्मी के मौसम में बहुत सी महिलाएँ कई किस्म की घरेलू व्यंजन तैयार करती हैं, जैसे आम के पापड़, आलू के पापड़, कई तरह के अचार लगाना आदि। अत्यंत गर्मी होने के कारण बच्चों की स्कूल की छुट्टी भी होती है। जिसमें बहुत से बच्चे अपने गांव भी घूम के आते हैं।
इस ऋतु में आने वाली मुख्य त्योहारों के नाम नीचे दिए गए हैं।
- भगवन बुद्ध जयंती
- निर्जला एकादशी
- वैट-सावित्री व्रत
- देवशयनी एकादशी
- गंगा दशहरा
- ईद
- रथ यात्रा
3. वर्षा ऋतु
गर्मियों के मौसम में इतनी तेज गर्मी पड़ती है कि तालाब, कुंवे, नदी-नाले सब सूख जाते हैं और धरती गर्म से तपने लगती हैं। जिसे बुझाने के लिए वर्षा ऋतु का आगमन होता है। वर्षा ऋतु में बारिश की ठंडी बूंदे धरती के तपन को अपनी ठंडक भरी बूंदों से प्यास बुझती है। रिमझिम वर्षा होने के कारण नदी-नाले, तालाब, धरोहर आदि जल स्त्रोत फिर से भर जाते हैं। चारो और पानी की मधुर आवाज वातावरण में सुनाई देने लगती हैं।
वर्षा के कारण हर जगह तपती गर्मी से सभी को राहत मिलते हैं। इस मौसम के दौरान धरती हरियाली से झूम उठती है। किसान खेतों में फसलों की बुवाई के कार्य को शुरू कर देते हैं। वर्षा ऋतु को बरसात का मौसम या Rainy season/Monsoon भी कहते हैं। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस मौसम की शुरुआत जुलाई महीने से शुरू होती है और अगस्त महीने तक रहती है और हिंदी कैलेंडर के अनुसार यह ऋतु श्रवण महीने के शुरुवात से भागरपाद तक रहती है।
इस ऋतु में आने वाली मुख्य त्योहारों के नाम नीचे दिए गए हैं।
- योग दिवस
- संत कबीर जयंती
- जगन्नाथपूरी रथ यात्रा
- गुरुपूर्णिमा
- रक्षाबंधन
- कृष्ण जन्माष्टमी
- स्वतंत्रता दिवस
- मुहर्रम
4. शरद ऋतु
सितंबर महीने से लेकर अक्टूबर महीने तक रहने वाले इस ऋतु को शरद ऋतु कहते हैं। इस ऋतु में आसमान पूरा साफ और नीला दिखाई देता है। वातावरण की गर्मी कम हो जाती है और शीतल हवें बहने लगती हैं। आकाश में छोटे-छोटे सफेद बादल टहलते नजर आते हैं।
चारों तरफ खुशहाली छा जाती है। इस मौसम में पतझड़ शुरू हो जाता है, जिसमें पेड़ों पर लगे पत्ते धीरे-धीरे झड़ना शुरू हो जाते हैं। इस मौसम को अंग्रेजी में Autumn season भी कहते हैं। हिंदी महीनों के अनुसार यह ऋतु आश्विन से कार्तिक माह तक रहती है।
इस ऋतु में बहुत से धार्मिक त्योहार भी आते हैं जिसकी सूची नीचे दी गई है।
- श्री कृष्ण जन्माष्टमी
- हरतालिका तीज
- गणेश चतुर्थी
- शारदीय नवरात्रि प्रारंभ
- नवरात्री (दुर्गा उत्सव)
- दशहरा (विजयदशमी)
5. हेमंत ऋतु
लोग कहते हैं की हेमंत ऋतु में वातावरण बहुत ही सुहाना हो जाता हैं। शीतल हवाएँ चलती हैं, जो मन को आनंदित कर देती हैं। धीरे-धीरे इस मौसम में तापमान कम होने लगता है और ठंड बढ़ने लगती है। इस मौसम के दौरान पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करते करते सूर्य से धीरे-धीरे दूर होने लगती है। इसी कारण सूर्य की उष्णता धरती तक कम पहुंच पाती है। जिसके उपरांत धरती का तापमान गिरने लगता है।
इस मौसम में पेड़ पौधे हरे भरे होने लगते हैं। इस मौसम को अंग्रेजी में Pre winter season भी कहते हैं। इस मौसम की शुरुआत मार्गशीष से पौष तक रहती है जो अंग्रेजी महीनों के अनुसार नवंबर और दिसंबर में आते हैं। बहुत से महत्वपूर्ण त्योहार इस ऋतु के दौरान आते हैं जिनका हिंदू धर्म के अनुसार बहुत मायने होता है।
इस ऋतु के दौरान आने वाले त्योहारों की सूची नीचे दी गई है।
- अहोई अष्टमी
- नरक चतुर्दशी
- महालक्ष्मी पूजन
- दिवाली (देव दीपावली)
- गोवर्धन पूजा
- भाईदूज
- छठ पूजा
- गोपाष्टमी
- तुलसीविवाह
- गुरू नानक जयंती
6. शीत (शिशिर) ऋतु
शीत ऋतु को अंग्रेजी में Winter season भी कहते हैं। इसे हिंदी में शिशिर रितु भी कहते हैं। इस मौसम के दौरान वातावरण का तापमान बहुत ज्यादा नीचे गिर जाता है जिसके बहुत सर्दी पड़ने लगती है। पृथ्वी के कई हिस्सों में तो इतनी ज्यादा सर्दी पड़ती है कि वहां बर्फबारी भी होना शुरू होने लगती है जिसे अंग्रेजी में Snowfall भी कहते हैं। जाड़े के इस मौसम में लोग गर्म कपड़ों का अत्यधिक इस्तेमाल करते हैं। जिसके उपयोग से वह स्वयं को गर्म रख सके और सर्दी से बच सके।
इस मौसम में कई लोग अपने आप को गर्म रखने के लिए कसरत करते है। यह मौसम दिसंबर के अंत से लेकर फरवरी के अंत तक रहता है। जिसे हिंदू कैलेंडर के अनुसार शीत ऋतु महापौर फाल्गुन तक रहती है। इस ऋतु में फल एवं हरी सब्जियां अत्यधिक रूप से उपज की जाती हैं जो हमारे सेहत के लिए अत्यंत लाभदायक होते हैं। इन हरी सब्जियों के सेवन से हम स्वयं को स्वस्थ और तंदुरुस्त रख सकते हैं। शीत ऋतु में आने वाले त्योहारों के नाम नीचे दिए हैं।
- क्रिसमस
- गुरू गोविन्द सिंह जयंती
- वसंत पंचमी
- पोंगल
- मकर संक्रांति
- लोहड़ी त्यौहार
- गणतंत्र दिवस
- ओणम
- महाशिवरात्रि