लिपि परिभाषा, प्रकार और उदाहरण

Lipi Kise Kahate Hain: नमस्कार दोस्तों, क्या आप जानते हैं, हम जिस भाषा में बात करते हैं, जिस भाषा को हम लिखते हैं या किसी को ध्वनि के माध्यम से बोलकर समझाने का प्रयत्न करते है, उस भाषा को लिखने के लिए, समझने के लिए ‘लिपि’ का उपयोग करते हैं। बहुत से लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होगी कि लिपि क्या हैं? दरअसल जो हम बोलते हैं, जो हम लिखते हैं, वह लिपि है। इसे अंग्रेजी में हम Script कहते हैं। 

आज हम इस पोस्ट के माध्यम से जानेंगे की लिपि क्या होती है? किसे कहते हैं? इसके कितने भेद होते हैं? और किन-किन तरह से इसका इस्तेमाल किया जाता है?

लिपि किसे कहते हैं?

लिपि का अर्थ होता है किसी भी भाषा की लिखावट या उसके लिखने का ढंग, अर्थात जिस ध्वनि के माध्यम से हम बात करते हैं उस ध्वनि को चिन्हों की सहायता से एक लेखन बनाया जाता है जिसे हम लिख कर एक भाषा का चयन करते हैं उसे हम लिपि कहते हैं। सामान्य तौर पर एक भाषा के लिए एक लिपि का प्रयोग होता है। किंतु कुछ लिपियां ऐसी है जो कई भाषाओं के लिए इस्तेमाल की जाती है जैसे देवानगरी लिपि। देवानगरी लिपि मुख्य रूप से हिंदी भाषा को लिखने के लिए उपयोग की जाती है परंतु देवानगरी लिपि से हम हिंदी, संस्कृत, मराठी, पंजाबी, बंगाली, गुड़िया, भोजपुरी, गुजराती, पाली और भी अन्य भाषाओं को व्यक्त करने के लिए उपयोग की जाती है। 

आसान शब्दों में कहें तो ध्वनि की परिभाषा को रेखांकित करके पढ़ने और समझने योग्य बनाने की क्रिया को हम लिपि कहते हैं। 

लिपि के प्रकार

लिपि के तीन मुख्य प्रकार हैं जो निचे दिए गए हैं,

  1. अल्फाबेटिक लिपि 
  2. चित्र लिपि 
  3. अल्फासिलेबिक लिपि

1. अल्फबेटिक लिपि 

अल्फाबेटिक लिपि एक ऐसी लिपि है जिसमें स्वर के बाद व्यंजन अपने पूरे रूप के साथ इस्तेमाल होता है।  अल्फाबेटिक लिपि के कुछ प्रकार हैं जो नीचे दिए गए हैं,

१. यूनानी लिपि: जिसमे गणित के चिन्ह और यूनानी भाषा का समावेश हैं। 

२. अरबी लिपि: जिसमे अरबी, कश्मीरी, उर्दू, फ़ारसी के लिपियाँ उपलब्ध हैं। 

३. इब्रानी लिपि: इस लिपि में इब्रानी भाषा के लिए लिपि हैं। 

४. रोमन लिपि: इसमें पश्चिम यूरोप की सारी भाषाएं और अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन भाषाओँ की लिपियाँ उपलब्ध हैं। 

५. सिरिलिक लिपि: जिसमे सोवियत संघ की सारी भाषाएं और रूसी भाषाओँ की लिपियाँ उपलब्ध हैं। 

2. अल्फासिलेबिक लिपि

अल्फासिलेबिक लिपि ऐसी लिपि है जिसमे किसी एक इकाई में एक या एक से अधिक व्यंजन उपस्थित हो तो उस व्यंजन पर केवल स्वर की मात्रा का चिन्ह का प्रयोग होता है। यदि किसी इकाई में व्यंजन उपस्थित ही ना हो तो उस इकाई के साथ स्वर्ग के पूरे चिन्ह को उपयोग किया जाता है। 

अल्फा सिलेबिक लिपियों के कुछ प्रकार नीचे दिए गए हैं,

१. देवनागरी लिपि: इस लिपि में हिंदी, नेपाली, संस्कृत, मराठी भाषा में उपयोग होते हैं। 

२. ब्राह्मी लिपि: यह पहले के समय मे संस्कृत और पाली भाषाओँ में उपयोग होते थे। 

३. गुजराती लिपि: इससे गुजराती भाषा को लिखी जाती हैं। 

४. बंगाली लिपि: इस लिपि से बंगाली भाषा को लिखा जाता हैं। 

५. तमिल लिपि: तमिल भाषा तमिल लिपि से लिखते हैं। 

६. गुरुमुखी लिपि: पंजाबी भाषा को गुरुमुखी लिपि से लिखते हैं। 

3. चित्र लिपि

चित्र लिपि एक ऐसी लिपि है जिसमें हम अपने मन के भाव को व्यक्त करने के लिए भाव चित्र का उपयोग करते हैं।  इसलिए इस लिपि को चित्र लिपि अथवा चित्रात्मक लिपि भी कहते हैं। 

चित्र लिपि के तीन प्रकार हैं,

१. चीनी लिपि: चीनी लिपि चीनी भाषा के लिए उपयोग होता हैं। 

२. प्राचीन मिस्त्री लिपी: प्राचीन मिस्त्री प्राचीन मिस्त्री भाषा के लिए हैं। 

३. कांजी लिपि: जापानी भाषा के लिए कांजी लिपि हैं। 

अब आते हैं अन्य भाषाओँ के तरफ, दुनिया भर में बहुत से लिपियों का इस्तेमाल अनेकों भाषाओं को व्यक्त करने के लिए किया जाता है। किंतु यह सभी लिपियाँ मुख्य रूप से तीन लिपियों के परिवार से आती है जो नीचे दिए गए हैं,

१. चित्रलिपि

२. ब्राह्मी लिपि

३. फोनेशीयन

1. चित्रलिपि

चित्र लिपि एक ऐसी लिपि है जिसमें भावनाओं को भाव चित्र के माध्यम से चित्रित कर उसे व्यक्त किया जाता है।  इसे चित्र लिपि कहते हैं। इसका अधिकतम प्रयोग चीनी जापानी तथा कोरियन भाषाओं को व्यक्त करने के लिए  किया जाता  है। 

2. ब्राह्मी लिपि

ब्राम्ही लिपि भारत देश की सबसे प्राचीनतम लिपियों में से एक है। जिसका प्रयोग मौर्य काल में राजा अशोक ने स्तंभ और शिलालेख लिखवाने के लिए किए थे। यह लिपि बाएँ से दाहिने तरफ लिखा जाता है। ब्राम्ही लिपि में प्राचीन काल की देवनागरी लिपि कथा दक्षिण एशियाई भाग में प्रयोग की जाने वाली लिपि भी आते हैं। 

3. फोनेशीयन लिपि 

फोनेसिअन लिपि एक प्राचीन सभ्यता की लिपि हैं जो भूमध्य सागर में स्थित थी, इस लिपि के अंतर्गत बहुत से यूरोपियन, मध्य एशियाई और उत्तरी अफ्रीकन देशों में इस्तेमाल की जाने वाली प्रसिद्द लिपियाँ थी। 

ब्रेल लिपि किसे कहते हैं? इसकी परिभाषा क्या हैं?

ब्रेल लिपि के आविष्कारक का नाम है ‘लुईस ब्रेल’ जो कि फ्रांस के रहने वाले हैं। उनका जन्म 4 जनवरी सन 1809 ईस्वी में हुआ था। 8 वर्ष की उम्र के दौरान एक एक्सीडेंट में उनकी आंखों की रोशनी चली गई जिसके बाद उन्होंने ऐसे लिपि का आविष्कार किया जो नेत्रहीन लोगों के पढ़ने और लिखने के लिए उपयोग किया जा सके और इस लिपि को ब्रेल लिपि के नाम से जग भर में प्रसिद्धि मिली। इस लिपि में 6 डॉट्स और उभरे हुए बिंदु हैं जिनमें  कुल 64 अक्षरों का समावेश है। इन डॉट्स की ऊंचाई लगभग 0.02 इंच की होती है। 

नवीनीकरण के कारण इन लिपियों में कुछ बदल किए गए थे जिसमें 6 डॉट्स के जगह अब 8 डॉट्स का प्रयोग होता है और कुल 256 अक्षरों और चिन्हों का समावेश किया गया है। जिसमें विराम चिन्ह, गणित चिन्ह और अन्य मात्राएं भी शामिल है। इसमें कुछ संगीत के नोटेशन भी जोड़े गए हैं। 

निचे दिए गए टेबल में भारत की 22 भाषाएं और उनके लिपियों के बारे में जानेंगे, जिसे संविधान में एक विशेष दर्जा प्राप्त  है। 

अनु क्र.भाषा का नामलिपि का नाम
१.हिंदीदेवनागिरी
२.संस्कृतदेवनागिरी
३.पंजाबीगुरुमुखी
४.कश्मीरीफ़ारसी
५.नेपालीदेवनागिरी
६.मराठीदेवनागिरी
७. उड़ियाउड़िया
८. बांग्लाबांग्ला
९. संथालीदेवनागिरी
१०. उर्दूफ़ारसी
११. गुजरातीगुजराती
१२. तेलुगुब्राह्मी
१३. मलयालमब्राह्मी
१४. तमिलब्राह्मी
१५. असमियाअसमिया
१६. वोडोंदेवनागिरी
१७. सिंधी   देवनागिरी/फ़ारसी
१८. डोंगरीदेवनागिरी
१९.मैथिलीदेवनागिरी/मैथिली
२०.कन्नड़कन्नड़/ब्राह्मी
२१.मणिपुरीमणिपुरी
२२.कोकड़ीदेवनागिरी