प्रदुषण पर निबंध
Pollution Essay in Hindi
हम सभी पृथ्वी पर रहते हैं जो वायुमंडलीय पर्यावरण से घिरा हुआ है। पृथ्वी का पर्यावरण उतना शुद्ध और स्वच्छ नहीं है जितना की हमें लगता हैं। लेकिन उद्योगों, वाहनों और अन्य स्रोतों से निकलने वाले प्रदूषित वायु वातावरण में प्रदूषण पैदा करने के लिए जिम्मेदार हैं। प्रदूषण, एक ऐसा शब्द जो कई अवांछित और अनावश्यक विदेशी सामग्रियों की उपस्थिति को दर्शाता है। जो विभिन्न स्रोतों से पर्यावरण में प्रवेश करते हैं और प्राकृतिक आवास के पदार्थों, पर्यावरण और अन्य चीजों को दूषित करता हैं। इसके अलावा, हम कुछ शब्दों से जैसे प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग से अच्छी तरह से परिचित हैं। प्रदूषण का अर्थ है, वातावरण को दूषित करना।
प्रदूषण कई प्रकार के हैं जो हमारे लिए अत्यंत चिंताजनक प्रभाव पैदा करते हैं जैसे की वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, जल प्रदूषण, रेडियोएक्टिव प्रदूषण और अन्य खतरनाक परमाणु अपशिष्ट, भूमि प्रदूषण इत्यादि। बड़े-बड़े कारखानों में अत्यधिक मात्रा में कोयले की और अन्य पदार्थों की खपत ने वायु प्रदूषण को जन्म दिया। 19वीं शताब्दी के दौरान भीड़भाड़ वाले शहरी क्षेत्रों में जल और वायु प्रदूषण और ठोस कचरे का संचय काफी हद तक मनुष्यों के लिए समस्याएँ थीं। लेकिन, शहरीकरण और औद्योगीकरण के तेजी से प्रसार और मानव आबादी के अभूतपूर्व स्तर तक बढ़ने के साथ, प्रदूषण एक सार्वभौमिक समस्या बन गया।
यह प्रदूषण मनुष्यों और जानवरों के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव डालता है, जिसे हम वायु प्रदूषण कहते है। यह एक अदृश्य प्रकार का प्रदूषण है जिसे हम अपनी नग्न आंखों से नहीं देख सकते हैं लेकिन हमारे स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव डालते हैं। हम सोचते हैं कि जो सांस हम लेते हैं वह शुद्ध और ताजा होती है, लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं हैं। हवा में मौजूद जहरीली गैस और धूल के छोटे-छोटे कण होते हैं जो उद्योगों से, ईंधन के जलने से, लकड़ियों के और जंगलों के जलने से निकलते हैं। इन सब धुएं की वृद्धि से परमाणु उत्सर्जन, सी-एफ़-सी और औद्योगिक कचरे, थर्मल परमाणु विकिरण वातावरण में फैलते हैं। औद्योगीकरण में वृद्धि के कारण, फ़ैक्टरिओं की चिमनियों से निकलने वाली जहरीली गैसें, जिनमें खतरनाक गैसें और धूल के कण शामिल हैं, यह वातावरण को दूषित कर रहे हैं।
पिछले कुछ दशकों में औद्योगीकरण वृद्धि से परिवहन वृद्धि हुई। जिससे जीवाश्म ईंधन का जलना, वाहनों से ग्रीनहाउस गैसों को निकलना बड़ी मात्रा में होने के कारण वायु प्रदुषण भी तेज़ी से बढ़ता जा रहा है। पहले, बड़ी संख्या में पेड़ और जंगल थे जो हवा को स्वच्छ कर प्रदूषण कम करते थे। लेकिन शहरीकरण को बढ़ाने के लिए वनों की कटाई हो रही रही है। बड़ी संख्या में पेड़ों को काटा जा रहा है। प्रदूषण बढ़ रहा है और इंसानों और जानवरों में भी कई बीमारियाँ फैल रही हैं। जल प्रदूषण के प्रमुख स्रोत उद्योगों और घरों से निकलता गंदा पानी, कीटनाशक, रासायनिक उर्वरक और खेतों में छिड़कने वाले केमीकल्स, कारखानों से दूषित और जहरीले पानी को बिना उपचार किए और जल निकायों में छोड़ना, जहरीले कच्चे तेल और जीवाश्म ईंधन का समुद्र के पानी में मिलना जो पानी वाले जीवों के लिए जहर सामान हैं। यह जीवन के अस्तित्व पर बहुत बुरा प्रभाव डाल सकता है जैसे कई खतरनाक बीमारियां जो मनुष्यों को मार सकते हैं या उन्हें अपंग बना सकते हैं।
वातावरण से इन प्रदूषणों को कम करने के कुछ तरीके हैं। जिससे हम पर्यावरण को इन प्रदूषकों के प्रतिकूल प्रभावों से बचा सकते हैं। हमें अधिक से अधिक पेड़ लगाने होंगे, पर्यावरण रहित ईंधन का उपयोग करना होगा। पेड़ो से होने वाले फायदों को समझाने के लिए हमें समाज में जागरूकता फैलाना होगा की कैसे ये वायुमंडलीय हवा को फ़िल्टर कर कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य ग्रीनहाउस गैसों को कम करते हैं और पृथ्वी पर ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाते हैं। अगर हम सबने मिलकर इस प्रदुषण पर नियंत्रण नहीं लगाए तो आबे वाले कल में हम इस पृथ्वी पर से जीवन का अस्तित्व खो देंगे।
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