Mahatma Gandhi Essay in Hindi | महात्मा गाँधी पर निबंध

मित्रो आज के इस लेख में हम सीखेंगे महात्मा गाँधी पर निबंध कैसे लिखते हैं। यहाँ पर हमने Mahatma Gandhi Essay in Hindi के ऊपर निबंध आपके लिए बनाई है। जिसकी सहायता से आप महात्मा गाँधी पर निबंध आसानी से सिख सकते है।

महात्मा गांधी पर निबंध 300 शब्दों में

महात्मा गांधी भारत के उन महान लोगों में से सर्वश्रेष्ठ माने जाते हैं जिन्होंने भारत को अंग्रेजों से आजादी दिलाने के लिए अपना अहम योगदान दिए थे। उन्हें बापू अथवा राष्ट्रपिता के रूप में भी जाना जाता है जो वास्तव में एक महान व्यक्तित्व थे। महात्मा गांधी अपनी गहरी देशभक्ति के लिए जाने जाते हैं और वें अहिंसावादी थे जो हमेशा हिंसा के सख्त खिलाफ थे।

महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था जिनका जन्म २ अक्टूबर, १८६९ में गुजरात के पोरबंदर नामक शहर में हुआ था। मोहनदास करमचंद गांधी जी के पिता का नाम करमचंद उत्तमचंद गांधी था जो राजकोट के दीवाने थे और उनकी माता पुतलीबाई एक धार्मिक महिला थी। मोहनदास करमचंद गांधी की माता ने उन्हें बचपन से धर्म के बारे में बहुत बताया करती था। वें पढाई में बहुत होशियार थे, उन्होंने गुजरात के एक अच्छे विद्यालय से अपनी पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई पूरी करने के बाद उनके एक मित्र ने उन्हें साउथ अफ्रीका आने का और वहाँ के कानूनी सलाहकार बनने का प्रस्ताव भी दिया। महात्मा गाँधी ने आगे की पढ़ाई करने के लिए अपने मित्र का प्रस्ताव मान कर साउथ अफ्रीका चले गए। वहाँ स्नातक स्तर की पढ़ाई के बाद भेदभाव के खिलाफ लड़ाई लड़ने के बाद उन्होंने अपने जीवन के 20 साल दक्षिण अफ्रीका में कानूनी सलाहकार के रूप में बिताए।  दक्षिण अफ्रीका में काम करते हुए उन्होंने एक अजीब प्रकार का अनुभव महसूस किया। उन्हें ऐसा लगा कि वहाँ के भारतीयों के साथ किसी प्रकार का भेद-भाव किया जा रहा है। उन्होंने धीरे-धीरे इस बारे में जानकारी प्राप्त की तब उन्हें पता चला कि भारत की स्थिति अंग्रेजों के कारण बहुत बुरी हो चुकी है। इसके बाद उन्होंने दक्षिण अफ्रीका का कार्य छोड़ कर पुनः भारत चले आए। वापस आते समय उनके साथ एकअजीब घटना घटी। वे जब टिकट लेकर ट्रेन में चढ़े तो वहाँ के अंग्रेजों ने उन्हें भारतीय कहकर उस ट्रेन से बाहर उतार दिया क्योंकि अंग्रेजों का मन्ना था की उस श्रेणी में केवल अँगरेज़ ही सफर कर सकते हैं। यह बात उन्हें बहुत बुरी लगी और उन्होंने उसी क्षण एक प्रण लिया कि आज मुझे अंग्रेजों ने इस ट्रेन से बाहर किया, एक दिन मैं इन अंग्रेजों को मेरे भारत से बाहर खदेड़ दूंगा बिना किसी हिंसा के तब मेरे इस अपमान का हिसाब पूरा होगा। 

वह हमेशा ‘अहिंसा परमो धर्म’ का पालन करते हैं। उन्हें भारत का मार्टिन लूथर किंग जूनियर भी कहा जाता था जो की एक महान व्यक्ति थे। उनके अच्छे सामाजिक कार्यों को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र ने मोहनदास करमचंद गांधी को महात्मा नामक उपाधि से सम्मानित किया जिसके चलते उन्हें आगे चलकर महात्मा गांधी कहा जाने लगा। श्री रविंद्र नाथ टैगोर जी पहले से व्यक्ति थे जिन्होंने गांधी जी को महात्मा की उपाधि से पुकारा जिसका अर्थ था ‘एक महान आत्मा वाला व्यक्ति। महात्मा गांधी भारत के पहले ऐसे स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने अंग्रेजो के खिलाफ अहिंसा रुपी आंदोलन की शुरुआत की थी। उस समय अंग्रेजों के खिलाफ ‘दांडी मार्च’ नामक अहिंसावादी विरोध प्रदर्शन की शुरुवात की जिसे ‘सॉल्ट सत्याग्रह आंदोलन’ के नाम से भी जाना जाता है, यह आंदोलन 12 मार्च 1930 को साबरमती आश्रम से और पैदल चलकर चौबीस दिनों के बाद 6 अप्रैल 1930 को दांडी पहुंचे। इस आंदोलन के दौरान उन्होंने अंग्रेजों से कहा कि हम हमारे देश के नमक को खाने के लिए अंग्रेजी सरकार को टैक्स क्यों दें इस आंदोलन के बाद उन्होंने भारत देश में नमक को टैक्स फ्री करा दिए।

उदार स्वाभाव के महात्मा गांधी के राजनीतिक गुरु थे महान गोपाल कृष्ण गोखले। उन्ही के बताये मार्गदर्शन द्वारा, महात्मा जी ने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ कई विरोध प्रदर्शन किए और लोगों को अपने कृत्यों, विरोध प्रदर्शनों और राष्ट्र की स्वतंत्रता के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एकजुट किया। भारत के महान स्वतंत्रता सेनानियों की मेहनत और जुनून के कारण हमें २०० से अधिक वर्ष बंदी बनाने वाले अंग्रेजों से स्वतंत्रता मिली और हमारा देश स्वतंत्र भारत बना १५ अगस्त १९४७ में। महात्मा गांधी के याद में, संयुक्त राष्ट्र ने  उनके जन्मदिन पर २ अक्टूबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस’ के रूप में घोषित किया है। कई स्कूल ३० जनवरी को अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाते हैं, क्योंकि महात्मा गांधी की मृत्यु ३० जनवरी १९४८ को हुई थी। हम २ अक्टूबर को महात्मा गांधी की स्मृति में गांधी जयंती मनाते हैं। उनकी फोटो आज भी भारत के करेंसी में छपी होती हैं। 

उम्मीद करते है की, हमारा यह लेख महात्मा गाँधी पर निबंध आपको जरूर पसंद आया होगा। आप अपने मित्रो को साथ यह लेख साझा कर सकते है। ताकि वह भी जान पाए समय का महात्मा गाँधी पर निबंध कैसे लिखा जाता है।