नमस्कार दोस्तों! क्या आप ढूंढ रहे हो नई मजेदार पहेलियाँ उत्तर सहित? यहाँ पर हमने paheliyan with answers की पूरी सूचि आपके लिए बनाई है। जिसकी सहायता से आप पहेलियाँ जान सकते है।
Paheliyan in Hindi
आज के समय में लोग अपने मानसिकता से कमजोर हो रहे है क्योंकि वे अपने दिमाग की नैसर्गिक और आतंरिक तौर पर कसरत नहीं करवाते हैं। आज कल हमारे पास आधुनिक तकनीक के कारण बहुत से ऐसे उपकरण और संचार उपलब्ध हैं जिनके सहायता से हमारे जीवन में आने वाले अनेको समस्याओं का साम्हन हम इन संचारों के माध्यम से निकाल लेते है और इनका हल निकालने में अपने मस्तिष्क का कम प्रयोग करते हैं।
इसलिए हमारा मस्तिष्क आज के युग में काम विकसित हो पा रहा है।
पहले के बच्चों के मस्तिष्क की क्षमता इतनी मजबूत हुआ करती थी की वे कठिन से कठिन कार्य और समस्याओं का भी सरलता से समाधान निकाल लेते थे। ऐसा इसलिए होता था क्योंकि तब के समय में बच्चों के दिमाग की कसरत घर में ही हो जाया करती थी। सब परिवार एक साथ बैठ के पहेलियाँ और अन्य खेल खेला करते थे जिससे की उनके दिमाग पे जोर पड़े और दिमाग और भी तेज़् काम करें।

दोस्तों, दिमागी कसरत के लिए सबसे बेहतरीन खेल है पहेलियाँ सुलझाना। क्योंकि इसमें अपने दिमाग की अच्छी कसरत होती है और अपनों के साथ समय बिताने का अवसर भी प्राप्त हो जाता है।
आप सब भी अगर अपने दिमाग के कसरत के लिए पहेलियाँ ढूंढ रहे है तो आप बिलकुल सही स्थान पर आए है। ऐसा इसलिए की हम इस पोस्ट में आपके लिए लाए हैं बेहतर,अनोखे और ढेर सारे पहेलियों का संग्रह जिसकी सहायता से आप लोग अपने दिमाग की बेहतर कसरत करा सकते हैं और अपने ज्ञान को भी बढ़ा सकते हैं।
मजेदार पहेलियाँ उत्तर सहित | Paheli with Answer
- कमर बांधे घर में रहता, सुबह-शाम जरूरत है पड़ती। बताओ क्या?
उत्तर- झाड़ू।
- ऐसी क्या चीज है जो जागे रहने पर ऊपर रहती है, सो जाने पर गिर जाती है।
उत्तर- पलकें।
- हरी झंडी लाल कमान, तोबा तोबा करे इंसान।
उत्तर- मिर्ची।
- नाक पर चढ़कर कान पकड़कर, लोगों को है पढ़ाती।
उत्तर- चश्मा।
- हरे हरे से है दिखे पक्के हो या कच्चे, भीतर से यह लाल मलाई जैसे ठंडे मीठे लच्छे।
उत्तर- तरबूज।
- सफेद तन हरी पूंछ, न बुझे तो नानी से पूछ ॥
उत्तर- मूली।
- कान हैं पर बहरी हूँ, मुँह है पर मौन हूँ । आँखें हैं पर अंधी हूँ, बताओ मैं कौन हूँ ॥
उत्तर- गुड़िया।
- सर है, दुम है, मगर पाँव नहीं उसके । पेट है, आँख है, मगर कान नहीं उसके ॥
उत्तर- साँप।
- कला घोडा सफ़ेद की सवारी, एक उतरा तो दूसरे की बरी ॥
उत्तर- तवा और रोटी।
- बूझो भैया एक पहेली जब काटो तो नई नवेली ॥
उत्तर- पेंसिल।
- हरी है उसकी काया, लाल मकान में, काला शैतान समाया।
उत्तर- तरबूज़।
- तीन अक्षर का मेरा नाम। उल्टा सीधा एक समान ॥
उत्तर- जहाज।
- चौकी पर बैठी एक रानी, सिर पर आग बदन में पानी ॥
उत्तर- मोमबत्ती।
- जल से भरा एक मटका, जो है सबसे ऊँच लटका । पी लो पानी है मीठा, ज़रा नहीं है खट्टा ॥
उत्तर- नारियल।
- फूल भी हूँ, फल भी हूँ और हूँ मिठाई । तो बताओ क्या हूँ मैं भाई ॥
उत्तर- गुलाब-जामुन।
- लाल हूँ, खाती हूँ मैं सूखी घास । पानी पीकर मर जाऊँ, जल जाए जो आए मेरे पास ॥
उत्तर- आग।
- बिन खाए, बिन पिए, सबके घर में रहता हूँ । ना हँसता हूँ, ना रोता हूँ, घर की रखवाली करता हूँ ॥
उत्तर- ताला।
- जन्म दिया रात ने, सुबह ने किया जवान । दिन ढलते ही, निकल गई इसकी जान ॥
उत्तर- समाचार-पत्र।
- हरा आटा, लाल परांठा, मिल–जुल कर सब सखियों ने बांटा ॥
उत्तर- मेहँदी।
- दो अक्षर का उसका नाम, हिमालय से वह निकलती, पाप सभी के धोती।
उत्तर- गंगा।
- ऐसी कौन सी चीज़ है जो पुरे गांव में घूमती है मगर मंदिर में जाने से डरती है
उत्तर- चप्पल।
- उड़ता है पर पक्षी नहीं, ताकतवर हैं उसके अंग, सर्दी हो या गर्मी यह रहता है सदा मस्त मलंग।
उत्तर- हवाई जहाज।
- कांटेदार खाल के भीतर एक रसगुल्ला, सभी प्रेम से खाते उसको, क्या पंडित क्या मुल्ला।
उत्तर- लीची।
- दो इंच का मनीराम, दो गज की पूंछ, जहां चले मनीराम वहां चले पूंछ।
उत्तर- सुई धागा।
- एक महल में चालीस चोर। मुंह काला, पूंछ सफेद।
उत्तर- माचिस।
- सात रंग की एक चटाई, बारिश में देती दिखलाई।
उत्तर- इंद्रधनुष।
- दो अक्षर की मैं बहना, उल्टा-सीधा एक रहना।
उत्तर- दीदी।
- पंख नहीं उड़ती हूं पर। हाथ नहीं लड़ती हूं पर।
उत्तर – पतंग।
- वह कौन-सा फूल है, जिसके पास कोई रंग और महक नहीं है ?
उत्तर- अप्रैल फूल।
- ऐसा रूम, जिसकी खिड़की ना दरवाजा तो बताओ क्या ?
उत्तर- मशरूम।
- खुद कभी वह कुछ न खाए, लेकिन सब को खूब खिलाए |
उत्तर- चम्मच।
- जब भी आए होश उड़ाए, फिर भी कहते हैं कि आए !
उत्तर- नींद।
- डब्बे पर डब्बा, डब्बे का गाँव, चलती फिरती बस्ती है, लोहे के पाँव |
उत्तर- रेलगाड़ी।
- कमर पतली है, पैर सुहाने, कहीं गए होंगे बीन बजाने |
उत्तर- मच्छर।
- बच्चों ! एक लाठी की सुनो कहानी, छुपा है जिसमें मीठा – मीठा पानी |
उत्तर- गन्ना।
- मेरे नाम से सब डरते हैं, मेरे लिए परिश्रम करते हैं।
उत्तर- परीक्षा।
- एक गुफा के दो रखवाले, दोनों लंबे, दोनों काले |
उत्तर- मूंछें।
- तीन रंग की तितली नहा धोकर निकली।
उत्तर- समोसा।
- मैं हरी, मेरे बच्चे काले, मुझे छोड़, मेरे बच्चे खा ले |
उत्तर- इलायची।
- न भोजन खाता, न वेतन लेता, फिर भी पहरा डटकर देता |
उत्तर- ताला।
- एक पेड़ की तीस है डाली, आधी सफेद और आधी काली |
उत्तर- महीना।
- काले वन की रानी है, लाल पानी पीती है |
उत्तर- खटमल।
- खड़ा पर भी खड़ा, बैठने पर भी खड़ा |
उत्तर- सींग।
- कान मरोड़ो, पानी दूँगा, मैं कोई पैसे नहीं लूँगा |
उत्तर- नल।
- छोटा हूँ पर बड़ा कहलाता, रोज दही की नदी में नहाता |
उत्तर- दहीबड़ा।
- चार ड्राइवर एक सवारी, उसके पीछे जनता भारी |
उत्तर- मुर्दा।
- रंग है उसका पीला, तपाया है तो ढीला | पीटा है तो फैला, कीमती है तो छैला |
उत्तर- सोना।
- राजा महाराजाओं के ये, कभी बहुत आया काम | संदेश इसने पहुचाएँ, सुबह हो या शाम |
उत्तर- कबूतर।
- बिन जिसके हो चक्का जाम | पानी जैसी चीज है वह, झट से बताओ उसका नाम |
उत्तर- पेट्रोल।
- मैं एक बीज हूँ, तीन अक्षर है मेरे | दो दल वाला अन्न हूँ, दाल बनाकर खाते हो |
उत्तर- मटर।
बुद्धिमानी पहेलियाँ
- प्यास लगे तो पी सकते हैं, भूख लगे तो खा सकते हैं और अगर ठण्ड लगे तो उसे जला भी सकते हैं। बोलो क्या है वो?
उत्तर- नारियल।
- वह कोनसी चीज़ है जिसका रंग काला है, वह उजाले में तो नजर आती है, परन्तु अंधरे में दिखाई नहीं पड़ती। बोलो क्या है वो?
उत्तर- परछाई।
- एक फूल यहाँ खिला, एक खिला कोलकाता, अजब अजूबा हमने देखा, पत्ते के ऊपर पत्ता।
उत्तर- पत्ता-गोभी।
- ऐसी क्या चीज है जो आदमी के लिए नुकसानदेह है, किंतु लोग फिर भी उसे पी जाते हैं?
उत्तर- गुस्सा।
- दो अंगुल की है सड़क, उस पर रेल चले बेधड़क, लोगों के हैं काम आती, समय पड़े तो खाक बनाती।
उत्तर- माचिस।
- सर्वेश के पिता के 4 बच्चे हैं। सुरेश, रमेश, गणेश। चौथे बच्चे का नाम बताइए ?
उत्तर- चौथे का नाम सर्वेश है।
- फल नहीं पर फल कहाउ, नमक मिर्ची के संग सुहाउ, खाने वाले की सेहत बढ़ाउ, सीता मैया की याद दिलाउ।
उत्तर- सीताफल।
- ‘जा’ जोड़े तो ‘जापान’, अमीरों के लिए है यह शान, बनारसी है इसकी पहचान, दावतो में बढ़ती इसकी मान।
उत्तर- पान।
- दिखता नहीं पर पहना है, यह नारी का गहना है।
उत्तर- लज्जा।
- बिना चूल्हे के खीर बनी, ना मीठी ना नमकीन, थोड़ा-थोड़ा खा गए बड़े बड़े शौकीन।
उत्तर- चुना।
- डिब्बा देखा एक निराला, ना ढकना न ताला, न पेंदा नाही कोना, बंद है उसमें चांदी और सोना।
उत्तर- अंडा।
- ऐसी क्या चीज है जो पति अपनी पत्नी को दे सकता है, किंतु पत्नी अपने पति को नहीं दे सकती।
उत्तर- उपनाम।
- ऐसी क्या चीज है जिसे आप दिन भर, उठाते और रखते हैं, इसके बिना आप कहीं जा नहीं सकते।
उत्तर- कदम।
- ऐसी क्या चीज है जो जून में होती है दिसंबर में नहीं, आग में होती है लेकिन पानी में नहीं।
उत्तर- गर्मी।
- हरी थी मन भरी थी, लाख मोती जड़ी थी, राजा जी के बाग में दुशाला ओढ़े खड़ी थी।
उत्तर- भुट्टा।
- काली हूं पर कोयल नहीं, लंबी हूं पर डंडी नहीं, डोर नहीं पर बांधी जाती, मैया मेरा नाम बताती।
उत्तर- चोटी।
- ऐसी क्या चीज है जो आंखों के सामने आने से आंखें बंद हो जाती है।
उत्तर- रौशनी।
- हाथ आए तो सौ – सौ काटे, जब थके तो पत्थर चाटे।
उत्तर- चाकू।
- एक माता के 2 पुत्र, दोनों महान अलग प्रकृत, भाई भाई से अलग, एक ठंडा दूसरा आग।
उत्तर- चंद्रमा , सूरज।
- ऐसी क्या चीज है जिसे बनाने में काफी वक्त लगता है, लेकिन टूटने में एक क्षण भी नहीं लगता।
उत्तर- भरोसा।
- एक जलते हुए घर के पास दो आदमी आग बुझा रहे थे, वहां से गुजरने वाले एक व्यक्ति ने उन दोनों को, पीछे घसीट दिया लेकिन फिर भी उसे जेल हो गई, कारण बताओ।
उत्तर- क्योंकि वह दोनों आग बुझाने वाले कर्मचारी थे तीसरा व्यक्ति जो सड़क से जा रहा था उसने दोनों को पीछे खींचा और आग बुझाने में बाधा पँहुचाई।
- कोई ऐसा गाना बताइए, जिसे दुनिया गाती है।
उत्तर- हैप्पी बर्थ-डे टू यू।
- ऐसी क्या चीज है जो सबके पास होती है, किंतु किसी के पास कम तो किसी के पास ज्यादा, जिसके पास ज्यादा होता है उसे बुद्धिमान कहते हैं।
उत्तर- टैलेंट , कला।
- ऐसी कौन सी चीज है जिसे व्यक्ति अपनी मां-बहन और अन्य औरतों की टूटते हुए देख सकता है, किंतु अपनी पत्नी की नहीं।
उत्तर- चूड़ियां।
- दो अक्षर का नाम है, रहता हरदम जुखाम है, कागज मेरा रुमाल है, बताओ मेरा क्या नाम है।
उत्तर- पेन।
- ऐसी क्या चीज है जिसके पास चेहरा है दो हाथ है मगर टांगे नहीं है।
उत्तर- घडी।
- बरगद के वृक्ष के नीचे चार लोग बैठे हैं, लंगड़ा, बहरा, अंधा, लुल्ला। पेड़ से आम गिरने पर सबसे पहले कौन उठाएगा।
उत्तर- कोई नहीं। (क्योंकि वे चारो बरगद के पेड़ के निचे बैठे हैं और बरगद के पेड़ से आम नहीं गिर सकता।)
- एक इलेक्ट्रिक विद्युत चालित रेल इंजन पूर्व की दिशा से पश्चिम की ओर 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रही है, हवा की गति 15 किलोमीटर प्रति घंटे की है, रेल इंजन का धुंआ किस दिशा में जाएगा ?
उत्तर- किसी दिशा में नहीं (क्योंकि ऊपर रेल का इंजन इलेक्ट्रिक विद्युत चालित है और धुंवा ईंधन से चलते इंजन से निकलता है, इलेक्ट्रिक विद्युत चालित इंजन से नहीं।)
- अगर आपके सामने आपकी बहन निर्वस्त्र रूप में सामने आ जाए तो आप क्या करेंगे?
उत्तर- गोदी ले लेंगे। (क्योंकि जो बहन सामने आई होगी वह बेहद ही छोटी और नासमझ होगी।)
- 100 मैं से 10 को कितनी बार काट सकते हैं ?
उत्तर- सिर्फ एक बार।
- ना किसी से प्रेम ना किसी से बैर, फिर भी लोग लेते मेरी रोज खैर, सबके गानों की रौनक है बढ़ती, फिर भी मुझ पर थप्पड़ पड़ती।
उत्तर- ढोलक।
- ऐसी क्या चीज है जो बांटने पर बढ़ती जाती है?
उत्तर- ज्ञान।
- ऐसे वाहन का नाम बताइए जिसका नाम आगे पीछे करने पर भी अर्थ में कोई भिन्नता नहीं होती।
उत्तर- जहाज।
- ऊँट की बैठक, हिरन सी तेज चाल। वो कौन सा जानवर जिसके पूँछ न बाल॥
उत्तर- मेंढक।
- जो करता है वायु शुद्ध, फल देकर जो पेट भरे। मानव बना है उसका दुश्मन, फिर भी वह उपकार करे ॥
उत्तर- पेड़।
- धन-दौलत से बड़ी है यह, सब चीजों से ऊपर है यह । जो पाए पंडित बन जाए, बिन पाए मूर्ख रह जाए ॥
उत्तर- विद्या।
- पैर नहीं हैं, पर चलती रहती, दोनों हाथों से अपना मुंह पोंछती रहती ॥
उत्तर- घड़ी।
- लोहा खींचू ऐसी ताकत है, पर रबड़ मुझे हराता है । खोई सूई मैं पा लेता हूँ, मेरा खेल निराला है ॥
उत्तर- चुंबक।
- पत्थर पर पत्थर, पत्थर पर पैसा । बिना पानी के घर बनाए, वह कारीगर कैसा ॥
उत्तर- मकड़ी।
- काला रंग मेरी है शान, सबको मैं देता हूँ ज्ञान । शिक्षक करते मुझ पर काम, नाम बताकर बनो महान ॥
उत्तर- ब्लैक-बोर्ड।
- टोपी है हरी मेरी, लाल है दुशाला । पेट में अजीब लगी, दानों की माला ॥
उत्तर- मिर्च।
- सींग हैं पर बकरी नहीं, काठी है पर घोड़ी नहीं । ब्रेक हैं पर कार नहीं, घंटी है पर किवाड़ नहीं ॥
उत्तर- साईकिल।
- तीन अक्षर का मेरा नाम, खाने के आता हूँ काम । मध्य कटे हवा हो जाता, अंत कटे तो हल कहलाता ॥
उत्तर- हलवा।
- धूप देख मैं आ जाऊँ; छाँव देख शर्मा जाऊँ । जब हवा करे मुझे स्पर्श; मैं उसमे समा जाऊँ; बताओ क्या ॥
उत्तर- पसीना।
- दुनियाँ भर की करता सैर, धरती पे ना रखता पैर । दिन में सोता रात में जागता, रात अंधेरी मेरी बगैर, जल्दी बताओ मैं कौन ॥
उत्तर- चाँद।
- ऐसी कौन सी चीज है, जिसे आप खरीदते हो तो रंग काला, उपयोग करते हो तो लाल और फेंकते हो तो सफेद होता है ॥
उत्तर- कोयला।
- सबके ही घर ये जाये, तीन अक्षर का नाम बताए। शुरु के दो अति हो जाये, अंतिम दो से तिथि बन जाये ॥
उत्तर- अतिथि।
- मध्य कटे तो बनता कम, अंत कटे तो कल । लेखन में मैं आती काम, सोचो तो क्या मेरा नाम ॥
उत्तर- कलम।
- चार टाँग की हूँ एक नारी, छलनी सम मेरे छेद । पीड़ित को आराम मैं देती, बतलाओ भैया यह भेद ॥
उत्तर- चारपाई।
- पानी से निकला पेड़ एक, पात नहीं पर डाल अनेक । इस पेड़ की ठंडी छाया, बैठ के नीचे उसको पाया, बताओ क्या ॥
उत्तर- फ़व्वार्रा।
ज्ञान पहेलियाँ
- काला मुंह लाल शरीर, कागज़ को वो खा जाता । रोज़ शाम को पेट फाड़कर कोई उन्हें ले जाता ॥
उत्तर- लेटर बॉक्स।
- चार कोनों का नगर बना, चार कुँए बिन पानी, चोर 18 उसमे बैठे लिए एक रानी । आया एक दरोगा, सब को पीट-पीट कर कुँए में डाला, बताओ क्या ॥
उत्तर- कैरम बोर्ड।
- सुंदर-सुंदर ख़्वाब दिखाती, पास सभी के रात में आती, थके मान्दे को दे आराम, जल्द बताओ उसका नाम ॥
उत्तर- नींद।
- लंबा तन और बदन है गोल, मीठे रहते मेरे बोल, तन पे मेरे होते छेद, भाषा का मैं न करूँ भेद ॥
उत्तर- बांसुरी।
- पूंछ कटे तो सीता, सिर कटे तो मित्र, मध्य कटे तो खोपड़ी, पहेली बड़ी विचित्र ॥
उत्तर- सियार।
- प्रथम कटे तो दर हो जाऊं, अंत कटे तो बंद हो जाऊं, केला मिले तो खाता जाऊं, बताओ मैं हूँ कौन ॥
उत्तर- बंदर।
- एक साथ आए दो भाई, बिन उनके दूर शहनाई । पीटो तब वह देते संगत, फिर आए महफ़िल में रंगत ॥
उत्तर- तबला।
- दो सुंदर लड़के, दोनों एक रंग के, एक बिछड़ जाये तो दूसरा काम न आये ॥
उत्तर- जूते।
- एक किले के दो ही द्वार, उनमें सैनिक लकड़ीदार, टकराए जब दीवारों से, ख़त्म हो जाये उनका संसार ॥
उत्तर- माचिस।
- उछले दौड़े कूदे दिनभर, यह दिखने में बड़ा ही सुंदर, लेकिन नहीं ये भालू बंदर। अपनी धुन में मस्त कलंदर, इसके नाम में जुड़ा है रन, घर हैं इसके सुंदर वन, बताओ कौन ॥
उत्तर- हिरन।
- रंग बिरंगा बदन है इसका, कुदरत का वरदान मिला, इतनी सुंदरता पाकर भी, दो अक्षर का नाम मिला । ये वन में करता शोर, इसके चर्चे हैं हर ओर, बताओ कौन ॥
उत्तर- मोरे।
- न सीखा संगीत कहीं पर, न सीखा कोई गीत, लेकिन इसकी मीठी वाणी में । भरा हुआ संगीत, सुबह सुबह ये करे रियाज, मन को भाती इसकी आवाज, बताओ क्या ॥
उत्तर- कोयल।
- आगे ‘प‘ है मध्य में भी ‘प‘, अंत में इसके ‘ह‘ है, कटी पतंग नहीं ये भैया । न बिल्ली चूहा है; वन में पेड़ों पर रहता है, सुर में रहकर कुछ कहता है, बताओ क्या ॥
उत्तर- पपीहा।
- एक थाल मोतियों से भरा, सबके सिर पर उल्टा धरा । चारों ओर फिरे वो थाल; मोती उससे एक ना गिरे, बताओ क्या ॥
उत्तर- आसमान।
- सुबह आता शाम को जाता, दिनभर अपनी चमक बरसाता । समस्त सृष्टि को देता वैभव, इसके बिना नहीं जीवन संभव, बताओ क्या ॥
उत्तर- सूरज।
- एक पेड़ में एक ही पत्ती, ओ भी रंग बिरंग करते सभी नमन हैं उसको मन मे भरे उमंग?
उत्तर- झंडा।
- ऐसी कौन सी चीज है जिसे जितना खींचो उतनी ही कम होती जाती है ?
उत्तर- सिगरेट या बीड़ी।
- वैसे मैं काला, जलाओ तो लाल, फेंको तो सफेद, खोलो मेरा भेद।
उत्तर- कोयला।
- कहलाता तो हूँ मैं चूल्हा, पर अजब है मेरा रूप, तेल, गैस न लकड़ी माँगूँ, मुझे तो चाहिए धूप ?
उत्तर- सौर-चूल्हा।
- स्वर्ण जैसा है नाम मेरा, छांव, दाव से पडे काम तेरा, चार अक्षर मेरे नाम में आते, दूजे में कृष्ण भी कहलाते।
उत्तर- सोनापाठा।
- पांच अक्षर का मेरा नाम, उलटा सीधा एक समान, दक्षिण भारत में रहती हूं, बोलो तो मैं कैसी हूं।
उत्तर- मलयालम।
- झुकी कमरे का बूढ़ा जहां ठहर जाए, वहीं पर भाषा रुके, सवाल उभर जाए।
उत्तर- प्रशनवाचक चिह्न।
- मेरा दो अक्षर में नाम आता, पहाड़ी वृक्षों में गिना जाता, मैं कंटीला वृक्ष कहलाता, पहाड़ो की शोभा बढ़ाता।
उत्तर- खैर।
- अश्व की सवारी, भाला ले भारी, घास की रोटी खाई, जारी रखी लड़ाई।
उत्तर- राणाप्रताप।
- बिन बुलाये रात को आते हैं, बिन चुराए सुबह खो जाते हैं, क्या है वो ?
उत्तर- तारे।
- मध्य कटे, तो अड़ी पड़ी, प्रथम काट दो तो नाड़ी, अन्त कटे, तो ‘अना’ हुआ, न जानूं मैं होशियारी।
उत्तर- अनाड़ी।
- कभी माँ है, कभी है बहना, पत्नी रूप में क्या कहना, दुनिया में जो हमको लाती, बूझो भला क्या जानी जाती ?
उत्तर- नारी / औरत / स्त्री / महिला।
- हरी-हरी कोठी भारी, उजली-उजली धरती, लाल-लाल बिस्तर पर, काली मछली सोती।
उत्तर- तरबूज।
- सूट हरा है, टाई लाल, बोलू सबको करूं निहाल।
उत्तर- तोता।
- दो अक्षर का मेरा नाम, हर चीज जलाना मेरा काम, सबको मैं डराती भगाती, पानी से डर जाती।
उत्तर- आग।
- अगर एक आदमी 10 रुपये में गंजा होता है, तो बताइये 10 गंजे कितने रुपये में गंजे होंगे?
उत्तर- 0 रुपये, क्योंकि वो पहले से ही गंजे है।
- मध्य हटाकर कल आऊं, प्रथम काट दो मल मल, अन्त हटाकर कम होऊं, घर है मेरा जल थल।
उत्तर- कमल।
- खट्टी खट्टी हो अदा मेरी, चटनी बनती सदा मेरी, तीन अक्षर में नाम आये, बीज दवा के काम आये।
उत्तर- इमली।
- हम बीस हैं, हर बार तुम हमारे सर काटते हो, हम फिर उग आते, तो बताओ हमारा नाम?
उत्तर- नाख़ून।
- घेरदार है लहंगा उसका, एक टांग से रहे खड़ी, सबको उसी की इच्छा होती, हो बरखा या धूप कड़ी
उत्तर- छतरी।
- ‘पवित्र प्यार का चिह्न हूँ मैं; गैरों को बना लें अपना, उल्टा कर दो सब्जी हूं, खा सकते हो मुझे कच्चा।
उत्तर- राखी।
- छीलो तो छिलका नहीं, काटो तो गुठली नहीं, खाओ तो गूदा नहीं।
उत्तर- बर्फ।
- अन्त हटा दो ताकत हूं, मध्य हटा दो बम, हर औरत को प्यारा हूं, मतलब मेरा सजन।
उत्तर- बलम।
- एक परी है पतली दुबली, काला मुकुट पहनती, मुकुट गंवाकर करे उजाला, खुद अंधकार में रहती।
उत्तर- माचिस की तीली।
- गर्मी में लगती है अच्छी, सर्दी में नहीं भाती, दो अक्षर की हाथ न आती, तन से हूं टकराती
उत्तर- हवा।
- ऐसी कौन-सी सब्जी है, जिसमें एक शहर का नाम भी आता है ?
उत्तर- शिमला-मिर्च।
- एक पुल की चौड़ाई सिर्फ इतनी है, कि एक ट्रक आ सकता है या जा सकता है, दो ट्रक वाले आमने सामने आ जातें हैं वे पुल को कैसे क्रास करेंगे।
उत्तर- ट्रक नही आ सकता पर ट्रक वाले आ जा सकते है क्युकी आमने सामने ट्रक वाले आये है।
- देश भी हूं, औजार भी हूं, खींचो अगर तो हूं पानी, ढाई अक्षर का नाम है वो, पूछ रही मेरी नानी।
उत्तर- बर्मा।
छोटी पहेलियाँ उत्तर सहित – Majedaar Paheli
- हम मां बेटी, तुम मां बेटी एक बाग में जाएं, तीन नींबू तोड़ कर साबुत-साबुत खाएं।
उत्तर- नानी, माँ और बेटी।
- कल्पना कीजिये आप एक अंधरे कमरे है और आपको इस अंधरे कमरे से निकलना है तो कैसे निकलेंगे।
उत्तर- आप कल्पना करना बंद कर देंगे।
- कठोर भी हूं और महंगा भी, उलटा कर दो सफर करूं, करवा दूं सबमें झगड़ा, मुंह में रख लो प्राण हरूं।
उत्तर- हीरा।
- साढ़े तीन अक्षर का नाम आता, कल्पना से मेरा गहरा नाता, वृक्षों में वृक्ष कहा जाता। श्री कृष्ण, अर्जुन को बतलाता।
उत्तर- कल्प।
- उलटा करो नदी की धारा, सीधा रखो तो देवी, पीताम्बर के साथ रहूं मैं, नाम बताओ बेबी।
उत्तर- राधा।
- उसके आगे शीश झुकाएं राजा, रंक, फकीर, कैंची, चाकू खूब चलाए सिर में देता चीर ?
उत्तर- नाई।
- चार अक्षर का पेड़ कहलाता, फल गरीबों का सेब कहलाता, साल में दो बार फल लगता। तोता काटने को भगता।
उत्तर- अमरूद।
- आसमान में उड़े पेड़ पर घोंसला न बनाए, तूफान से डरे रहने को, धरती पर आ जाए।
उत्तर- हवाई जहाज।
- वैसे मैं हूं बेचारा, पर उलटा कर दो तो पालें, दीन दुखी हूं, दो अक्षर का, बतला दो तो जानूं, इस पहेली का उत्तर–इसी पहेली में ही हैं।
उत्तर- दीन।
- एक अनोखी लकड़ी देखी, जिसमें छिपी मिठाई, बच्चों जल्दी नाम बताकर जी भर करो चुसाई।
उत्तर- गन्ना ।
- तीन आखर का है नाम, आता अचार के काम ठण्ड से नाता, दूजा नाम रखता, फल रस चिपकाने के काम आता।
उत्तर- लसोड़ा।
- अन्त कटे तो मानव हूं, प्रथम कटे ‘नम’ हो जाऊं, मध्य काट तो ‘जम’ जाऊं, बोलो-मैं क्या कहलाऊं।
उत्तर- जनम।
- बत्तीस ईंटों के दुर्ग के भीतर, छिपी एक महारानी, हंसकर बोले, दिलों को जीते, ऐंठे तो याद आए नानी।
उत्तर- जीभ।
- न सीखा संगीत कहीं पर, न सीखा कोई गीत, लेकिन इसकी मीठी वाणी में, भरा हुआ संगीत, सुबह सुबह ये करे रियाज, मन को भाती इसकी आवाज ?
उत्तर- कोयल।
- प्रथम कटे, तो नया बनूं, अन्त काट दो मान करूं, तीन अक्षर का कौन हूं मैं, सृष्टि का सम्मान करूं।
उत्तर- मानव।
- पत्ते शिव पूजन में आये काम, केवल दो अक्षर में आये नाम, नाम अर्थ से बना लता, बने सर्वथ फल से दिया बता।
उत्तर- बेल।
- प्रथम कटे, तो ‘जल’ बनकर, मैं सबको जीवन देता हूं, मध्य काट कर ‘काल’ बनू, सबका जीवन हर लेता हूं, तीन अक्षर का मैं ऐसा, आंखों को ठंडक देता हूं।
उत्तर- काजल।
- वाणी में गुण बहुत हैं, पर मुझसे अच्छा कौन, सारे झगड़ों को टालू-बतलाओ मैं कौन?
उत्तर- मौन।
- मुझसे पहले जो ‘सम’ लग जाए, नजरों में चढ़ जाता हूं, ‘अभि’ लगा दो पहले तो, मैं सत्यानाश कराता हूं, दो अक्षर का, सब में हूं, बोलो मैं क्या कहलाता हूं।
उत्तर- मान।
- दो अक्षर का मेरा नाम क हलावे, कच्ची कली मशाला के काम आये, दक्षिण भारत मे इसका निवास, औषधीय वृक्ष है यह खास।
उत्तर- लौंग।
- मुंह पर रखे अपना हाथ, बोला करती है दिन रात, जब हो जाती बन्द जबान, लोग ऐंठते उसके कान।
उत्तर- घड़ी।
- तीतर के दो आगे तीतर, तीतर के दो पीछे तीतर, आगे तीतर पीछे तीतर, बोलो कितने तीतर।
उत्तर- तीन।
- आदि कटे तो दशरथ सुत हूं, मध्य कटे, तो आम, अंत कटे, तो शहर बना इक, बूझो मेरा नाम
उत्तर- आराम।
- वह क्या है जो जिसका है वहीँ देख सकता है, और सिर्फ एक ही बार देख सकता है ?
उत्तर- सपना।
- उलटी हो कर ‘सब कुछ होती, सीधी रहूं तो सब को ढोती, जल्दी से मेरा तुम बच्चों, नाम कहो जसतस, वरना बुद्ध कान पकड़ लो और कहो तुम बस।
उत्तर- बस।
- आता है तो फूल खिलाता, पक्षी गाते गाना, सभी को जीवन देता है, पर उसके पास न जाना।
उत्तर- सूरज।
- सीधा करो तो पता चले, उलटा करके ताप चढ़े, किसी को ढूंढों, चिट्ठी लिखो, मेरी जरूरत आन पड़े।
उत्तर- पता।
- गोल-गोल मैं घूम रही, गोल-गोल काटू चक्कर ,सब कहते मुझको माता, फिर भी रखें कदमों पर
उत्तर- धरती।
- मध्य हटाकर पूंछ हो गई, प्रथम काटकर ‘पावर, चार पैर की मैं अलबेली, घर-बार हो या दफ्तर
उत्तर- टेबल।
- एक अनोखा पक्षी देखा, तालाब किनारे रहता, चोंच सुनहरी जगमग करती, दुम से पानी पीता
उत्तर- दिये की बाती
- तीन पैर की चम्पा रानी, रोज नहाने जाती, दाल भात को स्वाद न जाने, कच्चा आटा खाती, मध्य काट दो तो मैं ‘चला’, प्रथम कटे जाऊं कला, बच्चों अब तो बतला दो, क्या है मेरा नाम भला।
उत्तर- चकला।
- जिसने घर में खुशी मनाई, मुझे बांध कर करी पिटाई, मैं जितनी चीखी-चिल्लाई उतनी ही कस कर मार लगाई।
उत्तर- ढोलक।
- माना के लड़की की उम्र 17 साल है,लेकिन उस लड़की के पापा का नाम क्या होगा ?
उत्तर- माना।
- अगर आप अँधेरे कमरे में एक मोमबत्ती, एक लालटेन और एक दीया के साथ हैं तो सबसे पहले आप क्या जलाएँगे ?
उत्तर- माचिस।
- ऐसी कौन-सी चीज है, जिसको जितना खींचा जाता है, वो उतनी हीं छोटी होती जाती है |
उत्तर- सिगरेट।
- ऐसी कौन-सी जगह है जहाँ पर सड़क है, पर गाड़ी नहीं। जंगल है, पर पेड़ नहीं और शहर है, पर घर नहीं ?
उत्तर- नक्शा।
- वह क्या है, जिसे आप एक बार खा कर दोबारा नहीं खाना चाहते हैं मगर फिर भी खाते हैं ?
उत्तर- धोखा।
- ऐसी कौन – सी चीज है, जिसे हम पानी के अंदर खाते हैं ?
उत्तर- गोता।
- ऐसी कौन – सी चीज है, जिसे लोग काटते हैं, पीसते हैं और बाँटते हैं मगर खाते नहीं हैं ?
उत्तर- ताश के पत्ते।
- डब्बे पर डब्बा, डब्बे का गाँव, चलती फिरती बस्ती है, लोहे के पाँव |
उत्तर- रेलगाड़ी।
- बीसों का सिर काट लिया, ना मारा ना ख़ून किया |
उत्तर- नाख़ून।
- एक पैर है, काली धोती, जाड़े में वह हरदम सोती | गरमी में है, छाया देती सावन में वह हरदम रोती |
उत्तर- छतरी।
- पगरी में भी, गगरी में भी, और तुम्हारी नगरी में भी | कच्चा खाओ, पक्का खाओ शीश में मेरा तेल लगाओ |
उत्तर- नारियल।
- वह पाले नहीं भैंस, ना गाय, फिर भी दूध मलाई हीं खाए | घर बैठे हीं वह करे शिकार,रिश्ते में भी है, वह मौसी यार |
उत्तर- बिल्ली।
- भवनों से मैं नजर आता, सब बच्चों को खूब भाता | दूर का हूँ लगता मामा, रूप बदलता पर दिल को भाता |
उत्तर- चंद्रमा।
- बिना पाँव पानी पर चलती, बतख नहीं, ना पानी की रानी | उसे न चाहिए सड़क या पटरी, सिर्फ चाहिए गहरा पानी |
उत्तर- नाव।
- सात रोज में हूँ आता, बालकों का हूँ चहेता | वे करते हैं बस मुझसे प्यार, नित्य करते हैं मेरा इंतजार |
उत्तर- रविवार।
- खबर लाता हूँ सुबह नहीं लगाता हूँ देर मैं | फेंक दिया जाता हूँ, दूसरे दिन रद्दी के ढेर में |
उत्तर- अखबार।
- बोल नहीं पाती हूँ मैं, और सुन नहीं पाती | बिना आँखों के हूँ अंधी, पर सबको राह दिखाती |
उत्तर- पुस्तक।
- तीन अक्षर का मेरा नाम, बीच कटे तो रिश्ते का नाम | आखिरी कटे तो सब खाए, भारत के तीन तरफ दिखाए |
उत्तर- सागर।
- शुरू कटे तो कान कहलाऊँ, बीच कटे तो मन बहलाऊँ | परिवार की मैं करूँ सुरक्षा बारिश, आँधी, धूप से रक्षा |
उत्तर- मकान।
- सोने की वह चीज है, पर बेचे नहीं सुनार | मोल तो ज्यादा है नहीं, बहुत है उसका भार |
उत्तर- चारपाई।
- नकल उतारे सुनकर वाणी, चुप-चुप सुने सभी की कहानी | नील गगन है इसको भाए, चलना क्या उड़ना भी आए |
उत्तर- तोता।
- देखी रात अनोखी वर्षा, सारा खेत नहाया | पानी तो पूरा शुद्ध था, पर पी न कोई पाया |
उत्तर- ओस।
- करती नहीं यात्रा दो गज, फिर भी दिन भर चलती है | रसवंती है, नाजुक भी,लेकिन गुफा में रहती है |
उत्तर- जीभ।
- नहीं सुदर्शन चक्र मगर, मैं चकरी जैसा चलता | सिर के ऊपर उल्टा लटका फर्श पर नहीं उतरता |
उत्तर- पंखा।
- छिलके को दूर हटाते जाओ, बड़े स्वाद से खाते जाओ | इतना पर अवश्य देखना, छिलके इसके दूर हीं फेंखना |
उत्तर- केला।
- आँखें दो हो जाए चार, मेरे बिना कोट बेकार | घुसा आँखों में मेरा धागा, दर्जी के घर से मैं भागा |
उत्तर- बटन।
- मध्य कटे तो सास बन जाऊँ, अंत कटे तो सार समझाऊँ | मैं हूँ पक्षी, रंग सफेद, बताओ मेरे नाम का भेद |
उत्तर- सारस।
- सर्दी की रात मैं नभ से उतरूँ, लोग कहते हैं मुझे मोती | सूर्य का प्रकाश देखते हीं, मैं गायब होती |
उत्तर- ओस।
- एक हाथ है लकड़ी की डंडी, बने हुए हैं इसमें आठ घर | ज्यों-ज्यों हवा जाए उस भवन में, त्यों-त्यों निकले हैं मीठे स्वर |
उत्तर- बांसुरी।
- उड़ नहीं सकती मैं वायु में, चल नहीं पाती सड़कों पर | लेकिन लाखों पर्यटकों को, पहुँचाती हूँ इधर-उधर |
उत्तर- रेल।
- तरल हूँ पर पानी नहीं, चिपचिपा हूँ गोंद नहीं | मीठा हूँ पर चॉकलेट नहीं, मधुमक्खियों द्वारा मैं बनता हूँ |
उत्तर- शहद।
- दो सुंदर लड़के, दोनों एक रंग के | एक बिछड़ जाए, तो दूसरा काम न आए |
उत्तर- जूता।
- तरल हूँ पर पानी नहीं, चिपचिपा हूँ गोंद नहीं | मीठा हूँ पर चॉकलेट नहीं, मधुमक्खियों द्वारा मैं बनता हूँ |
उत्तर- शहद।
- पढ़ने में, लिखने में, दोनों में हीं आता काम | कलम नहीं, कागज़ नहीं, बताओ क्या है मेरा नाम |
उत्तर- चश्मा।
- बैठ तार में आती वह, घर के दीप जलाती वह | कई मशीनों का है वह प्राण, बोलो क्या कहलाती वह |
उत्तर- बिजली।
- जंगल मेरी जन्मभूमि है, महफिल मेरा धाम | सबके होंठ लग कर देती, सरगम का पैगाम |
उत्तर- बाँसुरी
- आदि कटे तो गीत सुनाऊँ, मध्य कटे तो संत बन जाऊँ | अंत कटे साथ बन जाता, संपूर्ण सबके मन भाता |
उत्तर- संगीत।
- पूरे विश्व में एक यहीं, सबसे बड़ा महाद्वीप | भारत-पाक रूस और इसमें हीं है चीन |
उत्तर- एशिया।
- ऐसा एक अजब खजाना, जिसका मालिक बड़ा श्याना | दोनों हाथों से लुटाता, फिर भी दौलत बढ़ता हीं जाता |
उत्तर- ज्ञान।
- मुझको उल्टा करके देखो, लगता हूँ मैं नौजवान | कोई पृथक नहीं रहता, बूढ़ा बच्चा या जवान |
उत्तर- वायु।
- सिर काट दो, मन दिखता हूँ, पैर काट दो, आदर बना दूँ | पेट काट दो, कुछ न बताता, प्रेम से अपना शीश नवाता |
उत्तर- नमन।
- लाल – लाल आँखें, लंबे – लंबे कान | रुई का फुहासा, बोलो क्या है उसका नाम ?
उत्तर- खरगोश।
- हरी हरी मछली के हरे हरे अंडे | जल्दी से बूझो पहेली नहीं तो पड़ेंगे डंडे |
उत्तर- मटर।
- एक पैर है होती, जाड़े में हरदम सोती | गर्मी में छाया देती, सावन में वह हरदम रोती |
उत्तर- छतरी।
- शुरू कटने से हूँ मैं पशु, बीच कटे पर काम | आखिर कटे तो पक्षी होता बताओ मेरा नाम |
उत्तर- कागज़।
- एक बूढ़े के बारह बच्चे, कोई छोटे तो कोई लंबे | कोई गर्म और कोई ठंडे, बतलाओ नहीं तो खाओ डंडे |
उत्तर- साल।
- शरीर है, इसका लंबा-लंबा, मुख है, कुछ-कुछ गोरा | पेट में जिसके है काली डंडी, नाम लिखे हैं वो मेरा|
उत्तर- पेंसिल।
- धरती में मैं पैर छुपाता, आसमान में शीश उठाता | हिलता पर कभी न चलता, पैरों से हूँ भोजन खाता |
उत्तर :- पेड़।
- तीन अक्षर का शहर हूँ, विश्व में प्रसिद्ध हूँ | अंत कटे तो आग बन जाऊँ, मध्य कटे तो आरा कहलाऊँ |
उत्तर- आगरा।
- मुझे खाना चाहो तो, सबसे पहले मुझे तोड़ो | मेरे अंदर है सुनहरा खजाना, फ्राई कर के झट से खा लो |
उत्तर- अंडा।
- हर घर से मैं नजर हूं आता, सब बच्चों को खूब हूं भाता, दूर का हूं लगता मामा, रूप बदलता पर मन भाता।
उत्तर- चंद्रमा।
- तीन अक्षर का नाम बतलाये, फल इसका मेवा कहलावे प्रथम कट जाए यह तो धन कहलाता, मध्य कटे तो भगतों में बोला जाता।
उत्तर- बदाम।
- बोटी-बोटी करूं सरे आम, गली-कूचों में मैं बदनाम दो अक्षर का नाम मेरा, रोज पड़े दुनिया को काम
उत्तर- चाकू।
- गागर में जैसे सागर, वैसे मैं मटके के अंदर जटा जूट और बेढंगा, ऊपर काला अंदर गोरा पानी हूं मीठा ठंडा, रहता हूं लम्बे पेड़ों पर।
उत्तर- नारियल।
- ऐसा क्या है, जो ना कभी था और ना कभी होगा , लेकिन वह है!!
उत्तर- आने वाला कल।
- हम हर जगह जीत मांगते हैं, लेकिन ऐसी कौन सी जगह है, जहां हम हार मांगते हैं!!
उत्तर- फूल की दुकान।
- दो अक्षर का मेरा नाम, आता हूँ खाने के काम, उलटा लिखकर नाच दिखाऊं, फिर क्यों अपना नाम छिपाऊं!!
उत्तर- चना।
- दुनिया का सबसे तेज उगने वाला पेड़ कौन सा है!!
उत्तर- बांस का पेड़।
- शुरू कटे तो नमक बने, मध्य कटे तो कान| आते कटे तो काना बने, जो ना जाने उसका बाप शैतान ?
उत्तर- कानून।
- गर्मी में तुम मुझको खाते, मुझको पीना हरदम चाहते, मुझसे प्यार बहुत करते हैं, पर भाप बनू तो डरते भी हो ?
उत्तर- पानी।
- ना काशी हूँ ना काबाधाम, बिन जिसके हो चक्का जाम| पानी जैसी चीज है वह, झट से बताओ उसका नाम ?
उत्तर- पेट्रोल।
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